राजस्थान सरकार पर मुफ्त दवा योजना के तहत जहर बेचने का आरोप

जयपुर
राज्य सरकार के तय मानकों से हटकर प्रदेश में दवा आपूर्ति का मामला विधानसभा में उठा। कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने चंडीगढ की एक कंपनी द्वारा गलत दस्तावेजों के आधार पर दवा आपूर्ति करने और मानकों से परे हटकर दवा आपूर्ति करने का मामला उठाया। डोटासरा ने शून्य काल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि स्वराज संकल्प यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के राज में मरीजों को वितरित की जाने वाली मुफ्त दवा योजना में जहर बेचने का आरोप लगाया था। जबकि चंडीगढ की एक कंपनी द्वारा वर्तमान में तय मानकों के विपरीत दवा आपूर्ति कर रही है। इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा कोई कार्यवाही भी नहीं की जा रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार कंपनी द्वारा आपूर्ति की जाने वाली दवा के नाम पर मरीजों को जहर बांट रही है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ की इस कंपनी द्वारा आपूर्ति की जा रही कई दवाओं के नमूने जांच में फेल हो गए है और संबंधित एजेंसी द्वारा लाइसेंस रद्द करने की अनुंशसा के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इस पर राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड ने कहा कि गलत दस्तावेजों के आधार पर दवा आपूर्ति करने वाली चंडीगढ की इस कंपनी को काली सूची में डालने और मानकों पर खरा नहीं उतरने वाली दवाओं को प्रतिबंधित करने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि मरीजों को सही मानक पर दवा उपलब्ध कराने के लिये सरकार सकंल्पबद्ध है और ऐसी कंपनियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जायेगी।

उन्हेंने कहा कि सरकार के पास 24 सितम्बर 2015 को कंपनी के खिलाफ गलत दस्तावेजों के आधार पर निविदा भरने की शिकायत आई थी और 29 सितंबर को ही सरकार ने कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा था। उन्होंने कहा कि सरकार ने जांच के बाद 31 दिसम्बर को कंपनी की दो निविदाओं को निरस्त करने के साथ ही उसे काली सूची में डालने की कार्यवाही शुरू कर दी है। बता दें कि राज्य सरकार ने जनहित में मरीजों को मुफ्त दवा योजना के तहत वितरित की जाने वाली दवाओं के लिये कडी शर्ते रखी है और किसी भी कपंनी को मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड नही करने दिया जाएगा।

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