चिकित्सकों को दिए जाने वाले मुफ्त सैंपल से टीडीएस वापस करने का अनुरोध

stethoscope
concept image

नई दिल्ली : भारतीय चिकित्सा प्रौद्योगिकी संघ (एमटीएआई) ने चिकित्सकों को दिए जाने वाले मुफ्त चिकित्सकीय सैंपल पर टीडीएस के प्रावधान पर पुनर्विचार करने का सरकार से अनुरोध किया है।

चिकित्सा उपकरण विनिर्माताओं के संगठन एमटीएआई ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि डॉक्टरों को मुफ्त में दिए जाने वाले सैंपल पर टैक्स लगाने से उनके व्यावहारिक प्रशिक्षण पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, जिससे मरीजों की भी जीवनरक्षक प्रौद्योगिकी तक पहुंच प्रभावित होगी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने चिकिस्तकों को मुफ्त में मिलने वाले चिकित्सकीय सैंपल पर एक जुलाई, 2022 से टीडीएस लगाने की व्यवस्था लागू करने से संबंधित दिशानिर्देश पिछले महीने जारी किए थे।

एमटीएआई के चेयरमैन एवं महानिदेशक पवन चौधरी ने कहा, चिकित्सकीय उपकरणों के सैंपल डॉक्टरों एवं क्लिनिक सदस्यों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देने में अहम भूमिका निभाते हैं। कभी-कभी मरीजों को भी इन उपकरणों के बारे में प्रक्रियागत जानकारी दी जाती है।

उन्होंने कहा कि अगर इन सैंपल पर कर लगाया जाता है तो, ये सभी गतिविधियां बंद हो जाएंगी और मरीजों को समुचित इलाज देने की चिकित्सकों की क्षमता प्रभावित होगी।

Advertisement