खुलेआम बिना पर्ची के बिक रही है भ्रूण गिराने की गोलियां

सरकारी कर्मचारी की मिलीभगत होने की आशंका

जोधपुर

शासन और प्रशासन भले ही मारवाड़ में भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के दावे कर रहे हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह है चिकित्सक की बिना पर्ची के खुलेआम भ्रूण हत्या की टेबलेट बेची जा रही है। गंभीर बात ये कि भ्रूण हत्या जैसे घिनौने काम में निजी के अलावा सरकारी अस्पतालों के कर्मचारियों की मिलीभगत होने की आशंका है। निगरानी रखने के लिए नियुक्तअधिकारी क्यों यह कृत्य देख नहीं पा रहे, समझ से परे है। उम्मेद अस्पताल, एमडीएम सहित अन्य सरकारी डिस्पेंशरियों और निजी अस्पताल के चिकित्सक, नर्स के अलावा मेडिकल स्टोर के संचालक और दवा कम्पनियों से जुड़े एजेंट भी शामिल होने की बात सामने आई है।
इस कारोबार के जोर पकडऩे की बड़ी वजह युवा प्रेमी जोड़े माने जा रहे हैं। जो जाने-अनजाने शारीरिक संबंध बना लेते हैं और फिर पकड़े जाने के डर से गर्भपात कराने के लिए मोटा पैसा अदा करते हैं। मुनाफे के इस धंधे के कारण ही ये सब हो रहा है। मेडिकल स्टोर्स संचालक, दवा कंपनी के एजेंट और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है, फिर भी अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
मेडिकल स्टोर पर मुंह मांगी कीमत मिल रही है, इस वजह से ब्रांडेड कंपनियों की गर्भपात किट तुरंत उपलब्ध करवाई जा रही है। नियमों के मुताबिक मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के अनुसार डॉक्टर द्वारा दिए गए पर्चे पर ही यह दवा बेची जा सकती है। वहीं मेडिकल संचालक को दवाइयां बेचने से पहले पर्चे की फोटो कापी, बिल का रिकार्ड रखना अनिवार्य है। लेकिन मेडिकल स्टोर्स पर कोई भी व्यक्ति आसानी से इन दवाओं को खरीद सकता है। कानून इस किट का प्रयोग दो महीने सात दिन की गर्भावस्था तक ही किया जा सकता है। बिना जांच किए अगर अधिक अवधि के गर्भ में यह दवा दे दी जाए तो जान का भी खतरा हो सकता है।

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