कैग रिपोर्ट में सीजीएचएस के तहत दवाओं की खरीद, सप्लाई चेन में खामियां उजागर

दवाओं

नई दिल्ली : भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सोमवार को पेश अपनी ऑडिट रिपोर्ट में केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत दवाओं की खरीद और सप्लाई चेन में कई खामियों को उजागर किया, जिसके कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं की कमी हुई।

कैग की रिपोर्ट में स्वास्थ्य देखभाल संगठनों (एचसीओ) द्वारा किए गए दावों के निपटारे के संबंध में उल्लंघनों पर भी प्रकाश डाला गया है। ऑडिट में उल्लेखित किया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीजीएचएस और सरकारी अस्पतालों के लिए मेडिकल स्टोर्स ऑर्गनाइजेशन (एमएसओ) द्वारा बनाए गए ड्रग फॉर्मूलेरी का आवधिक संशोधन सुनिश्चित नहीं किया। इसके अनुसार जून 2015 के ‘ड्रग फॉर्मूलेरी’ को फरवरी 2022 में ही संशोधित किया गया था।

रिपोर्ट में कहा गया है, जून 2015 से फरवरी 2022 की अवधि के दौरान ड्रग फॉर्मूलेरी में संशोधन नहीं करने का मतलब है कि सीजीएचएस में खरीद प्रक्रिया में डॉक्टरों द्वारा निर्धारित नयी दवाओं को ध्यान में नहीं रखा गया।

ड्रग फॉर्मूलेरी सामान्य रूप से लिखी जाने वाली औषधियों और सूत्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, ताकि अधिक से अधिक संख्या में बीमारियों को यथोचित रूप से कवर किया जा सके और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

कैग ने कहा कि एमएसओ ने ‘ड्रग फॉर्मूलेरी’ में सूचीबद्ध सभी दवाओं की खरीद दरों को अंतिम रूप नहीं दिया। फॉर्मुलरी में सूचीबद्ध 2,030 दवाओं में से इसने 2016-17 से 2020- 21 तक केवल 220 से 641 के लिए दर अनुबंधों को अंतिम रूप दिया था। रिपोर्ट में कहा गया है, परिणामस्वरूप, सीजीएचएस ‘फार्मुलरी’ में सूचीबद्ध दवाओं की खरीद नहीं कर सका, जिससे स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की कमी हो गई।

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