स्वास्थ्य मंत्री के गढ़ में दवा के काले कारोबार का खुलासा

हिमाचल और हरियाणा औषधि विभाग की संयुक्त रेड में पकड़ी लाखों की दवाईयां

Medicine

अंबाला
एक गुप्त सूचना पर हिमाचल और हरियाणा औषधि विभाग की टीम ने संयुक्तरूप से कार्रवाई करते हुए अंबाला में दवा के अवैध दवा कारोबार का भंडाफोड़ा और लाखों रुपये की दवाएं पकड़ी। खास बात ट्रक में बोरियों में लदी इन अवैध दवाओं को पशुओं के इस्तेमाल के लिए बिहार भेजने की तैयारी थी जिस बिहार सरकार इस्तेमाल के लिए नोट फॉर सेल की मुहर भी अंकित थी।

जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन पूर्व हिमाचल औषधि प्रशासन को सूचना मिली कि पहले से औषधि प्रशासन की काली सूचि में स्थान प्राप्त वर्धमान फार्मास्यूटिकल फिर से औषधि निर्माण कार्य में व्यस्त है। हिमाचल राज्य औषधि नियंत्रक डॉ. नवनीत मरवाह ने टीम गठित कर पुलिस के माध्यम से औषधि निर्माण स्थल पर छापा मारकर सील किया। काला अम्ब में
दो दिनों तक चली कार्रवाई के दौरान पता चला कि यहां की बनी औषधियां 599 तहसील रोड अंबाला शहर में स्टाक करने के बाद आगे सप्लाई की जाती हैं। इस पर डॉ. मरवाहा ने हरियाणा के राज्य औषधि नियंत्रक राज कुमार सिंगला को अवगत करवाया। इसके बाद दोनों ने संयुक्त कार्यवाही की योजना तैयार की और अंबाला शहर के उस इलाके में दबिश दी जहां इस काले कारोबार के होने की सूचना थी। यहां दो अलग-अलग स्थानों पर एक ही पते के बोर्ड टंगे थे। फर्म का नाम एम्स इंटरनेशनल लिखा था, जिसका औषधि प्रशासन अंबाला के पास कोई रिकार्ड नहीं था। वहीं एक ट्रक खड़ा दिखाई दिया, जिसकी छानबीन की तो खाली बोरियों के नीचे दवाइयों की पेटियां बरामद हुई। पेटी खोलकर देखी तो उसमें एमवीआईटी-एल, बी-काम्प्लैक्स 30 एम.एल.का इंजेक्शन वायल मौजूद थी। कुछ पेटियां ऐमीटराज 1000 एम.एल. की भी थी। औषधि प्रशासन ने मौके पर पुलिस बुलाकर वहां मौजूद अनिकेत जैन को सैंपल सील करते हुए हस्ताक्षर करने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। इन दवाओं की सही कीमत का आंकलन करना मुश्किल है क्योंकि इन्हें पशुओं के इस्तेमाल के लिए बिहार गार्वेमेंट सप्लाई के लिए नोट फार सेल की मुहर लगाई हुई थी। एक औसत हिसाब लगाया जाए तो यह माल लाखों रुपये में है। दो राज्यों में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। कार्रवाई टीम में आदर्श गोयल (सहायक अथारिटी अंबाला एवं  करनाल), ललित गोयल, परिजन्द्र सिंह(लाइसेसिंग अथारिटी अंबाला व करनाल), डी.सी. ओ. दिनेश राणा (अंबाला), गुरचरण सिंह (करनाल), परवीन (सोनीपत)मौजूद रहे।

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