पैर बचाने के लिये अस्पताल ने अपनाई सदियों पुरानी प्रक्रिया

operation

दिल्ली के एक अस्पताल के डॉक्टरों ने ‘क्रॉस लेग फ्लैप सर्जरी’ का उपयोग कर 40 वर्षीय इराकी नागरिक का इलाज किया। यह तकनीक 19वीं सदी की है।

यह ऑपरेशन फोर्टिस अस्पताल, वसंतकुंज में किया गया। इस प्रक्रिया के तहत शरीर के प्रभावित हिस्से पर दूसरे हिस्से की त्वचा को रखा जाता है जिससे प्रभावित हिस्से पर भी नई त्वचा बन जाती है।

इसके बाद में उन्हें पूर्व स्थिति में कर दिया जाता है। इस दौरान रक्त की आपूर्ति बरकरार रखी जाती है।

अस्पताल ने कहा कि चिकित्सकों ने इस पुरानी पद्धति से उपचार करने का फैसला किया, क्योंकि नई और ज्यादा परिष्कृत प्रक्रियाओं को अपनाना मरीज की अस्थिर हालत को देखते हुए संभव नहीं था।

‘क्रॉस लेग फ्लैप सर्जरी’ की तकनीक का चिकित्सा साहित्य में पहला विवरण 1854 में मिलता है। उन दिनों शरीर के निचले हिस्से के नरम ऊतकों के पुनर्निर्माण के लिए इसे ‘स्वर्ण मानक’ माना जाता था।

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