आयुष कॉलेजों के दाखिले में हेराफेरी के मामले में सीबीआई जांच करेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है।
निर्देश दिए जाने के बाद इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से केंद्र को सिफारिश भेजने की तैयारी शुरू हो गई है।
वहीं मामले में देर शाम आयुर्वेद के निदेशक प्रोफेसर एसएन सिंह और प्रभारी अधिकारी डॉ उमाकांत यादव को निलंबित कर दिया गया है और यूनानी विभाग के प्रभारी अधिकारी मोहम्मद वसीम के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
प्रोफेसर पुष्कर प्रोफेसर मोहम्मद वसीम अपने-अपने विभाग के काउंसलिंग प्रभारी थे। सीबीआई जांच में आयुष विभाग के कई अफसरों का पर्सनल तय माना जा रहा है।
विभाग के जांच में 22 ऐसे अभ्यर्थी मिले हैं, जिन्होंने ने 2021 में शामिल नहीं हुए इसके बाद भी उन्हें दाखिला मिल गया। आयुर्वेद होम्योपैथी और यूनानी की कुल 801 छात्रों में दाखिले में गड़बड़ी की रिपोर्ट की गई है।