आयुष निदेशालय की सूचना पर वाराणसी में राजकीय आयुर्वेद पीजी कालेज चौकाघाट प्रशासन ने छह छात्रों पर कार्रवाई के साथ ही उनको छात्रावास से भी बेदखल कर दिया है। सूबे के राजकीय में 43 और निजी आयुर्वेद कालेजों के 473 दाखिले फर्जी तरीके से किए गए थे।
आयुष कालेजों में हुए फर्जी दाखिले के मामले में शासन स्तर पर उच्च स्तरीय जांच पड़ताल जारी है। दूसरी ओर सूबे के आयुर्वेद कालेज ऐसे छात्रों को निलंबन व निष्कासन भी कर चुके हैं। इस क्रम में शासन के निर्देश पर राजकीय आयुर्वेद पीजी कालेज (चौकाघाट) ने सत्र-2021 के बीएएमएस के छह छात्रों को निष्कासित कर दिया है।
इसमें दो छात्राएं भी शामिल है। नीट-2021 परीक्षा में शामिल हुए बिना आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथ कालेजों में दाखिला पाने वाले सूबे में 891 छात्रों को अब तक सूबे में सस्पेंड किया जा चुका है। इसमें 43 राजकीय आयुर्वेद कालेजों में व 473 निजी आयुर्वेद कालेजों के बीएएमएस के छात्र शामिल है।
राजकीय आयुर्वेद कालेज की प्राचार्य प्रो. नीलम गुप्ता ने बताया कि निदेशालय से सूचना मिलते ही नीतू वर्मा, संदीप, सुख सागर मिश्र, अर्पिता मिश्रा, मो. जुल्फेकार व गौरव कुमार को कॉलेज से निलंबित व निष्कासित कर दिया है। ये विद्यार्थी वाराणसी के अलावा मीरजापुर, लखनऊ, बलरामपुर सहित अन्य जिलों के थे।
दो छात्राओं को छात्रावास भी आवंटित था। उन्हें छात्रावास से भी निष्कासित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ये सभी छात्र छह माह बीएएमएस का क्लास भी कर चुके हैं। कहा कि इस दौरान यह आभास नहीं हो सका कि इन विद्यार्थियों का फर्जी तरीके से बीएएमएस में दाखिला हुआ है।
बीएएमएस प्रथम व्यावसायिक के विद्यार्थियों का कहना थे निष्कासित हुए सभी छात्र पढऩे में ठीक थे। रेगुलर क्लास भी करते थे। ऐसे में इन छात्रों का दाखिला फर्जी तरीके से हुआ है, इसकी भनक नहीं लग सकी। बहरहाल इस प्रकरण को लेकर शासन सख्त है। सरकार आयुष कालेजों में हुए फर्जी प्रवेश के मामले की जांच सीबीआइ को कराने की सिफारिश की है।