एक्सपायर दवाओं से हो रहा मरीजों का इलाज – हरियाणा

सरकार के बेहतर इलाज देने की योजना पर सवाल

गुडग़ांव

जिले के सुड़ाका कस्बा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पिछले 15 दिन से एक्सपायरी डेट की दवाइयों से मरीजों का इलाज हो रहा है। पीएचसी में कार्यरत स्टाफ नर्सों का कहना हैं कि नूंह अस्पताल में हमारे विरोध करने के बावजूद तीन फरवरी को यह कह कर दवा दी गई कि एक्सपायर डेट के 6 माह बाद तक दवाएं मानव जीवन के उपचार में कारगर हो सकती हैं।

नूंह मुख्यालय से मात्र 8 किलो मीटर दूर सुड़ाका गांव में बने स्वास्थ विभाग के स्वास्थ्य केन्द्र पर आसपास के 10 गांवों के 8 हजार लोगों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है। पीएचसी में लोगों के स्वास्थ्य उपचार के लिए नूंह सीएचसी से गत 3 फरवरी को जो दवा सीप्रोआई ड्राप्स, बीटाडीन लोशन, पीसीएम, मेट्रोजिल, सीपीएम, अमोक्सी आदि दवाओं की एक्सपायर डेट निकल चुकी है। सुड़ाका स्वास्थ केन्द्र के अधीन आने वाले गांवों के लोगों का पिछले 15 दिनों से इन्हीं दवाओं से उपचार हो रहा है। मरीजों ने बताया कि एक्सपायर दवा से उपचार कर सरकारी अस्पतालों में लोगों को जान बूझकर मौत के मुंह में धकेला जा रहा है। स्टाफ नर्स इंद्रा ने स्वीकार किया कि एक्सपायर दवाओं के बारे में उच्चाधिकारियों और फार्मासिस्ट को अवगत कराया गया था। लेकिन एक्सपायर डेट के 6 माह तक दवा प्रयोग में लाई जा सकती हैं, यह कह कर मामले को समाप्त कर दिया। उनके मुताबिक, 3 फरवरी को दवा आईं तो वह एक्सपायर डेट की थी। जिला सिविल सर्जन डॉ. बीके राजौरा ने कहा कि किसी हालत में एक्सपायर दवाओं से उपचार करना अपराध है। जांच की जाएगी जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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