भारत में हजार प्रसव पर 40 बच्चों की मौत

देश में शिशु रोग विशेषज्ञों की कीम

इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिशियन के अध्यक्ष एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अनुपम सचदेव ने कहा कि देश में आज भी एक हजार प्रसव पर 40 बच्चों की मौत हो रही है। अभियान चलाकर इसे 35 करने का लक्ष्य भी रखा गया लेकिन 40 तक ही ला सके। श्रीलंका में 1000 जन्म पर 10 बच्चों की ही मौत हो रही है। भारत में इस मामले में भी राजस्थान, बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश व ओडिशा में यह आंकड़ा 50 है। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मौतों में ज्यादा शिकायतें डायरिया और निमोनिया की होती है।

डॉ.अनुपम ने कहा कि देश में शिशु रोग विशेषज्ञों की कमी है। मेडिकल कॉलेजों में स्नातकोत्तर अध्ययन की सीटें नहीं हैं, इसलिए हमारे द्वारा जिला अस्पतालों को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन से जोडक़र डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बंगाल में मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, सर्जरी, फैमिली हेल्थ समेत छह विषयों में यह कार्यक्रम चलाना शुरू कर दिया है। हमारा प्रयास है कि इस तरह से जिला स्तर पर विशेषज्ञता उपलब्ध हो सके।

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