जानवर और इंसान का फर्क नहीं दवा निर्माता कंपनी में

रायपुर
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) का बड़ा कारनामा सामने आया है। सीजीएमएससी की एक विशेषज्ञ टीम ने आंध्रप्रदेश की बड़ी दवा निर्माता कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग साइट का भौतिक सत्यापन किया और उसे जानवरों की दवा निर्माण में तय मानकों पर नहीं पाया लेकिन कुछ दिनों बाद दूसरी टीम ने इसी कंपनी का फिर से भौतिक सत्यापन किया तो उसे इंसानों की दवा निर्माण के लिए पास कर दिया।

पड़ताल में सामने आया है कि आंध्रप्रदेश की इस स्वास्तिक फॉर्मास्युटिकल कंपनी को जल्द इंसानों की 2 दवाओं का वर्क ऑर्डर भी जारी होने वाला है। यह कंपनी एल-1 पर है। जिन दवाओं के वर्क ऑर्डर उसे मिलने वाले हैं उनमें सर्जिकल स्प्रिट बीपी 500 एमएल और हाइड्रोजन पेराक्साइड सॉलुशन शामिल हैं। पड़ताल के दौरान हाथ लगे दस्तावेज इस बात की भी पुष्टि करते हैं कि इंसान और जानवरों के लिए एक ही लाइसेंस नंबर से दवाएं बनाई जा रही हैं। कंपनी ने ह्यूमन, वेटनरी दोनों दवाओं के टेंडर भरे थे। दोनों के लाइसेंस नंबर एक होने से गड़बड़ी सामने आ गई। सूत्रों की मानें तो दोनों भौतिक सत्यापन में महीने भर का अंतर भी नहीं था। सीजीएमएससी के कुछ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि ऐसा संभव ही नहीं है, अगर ऐसा हुआ है तो यह नियम विरुद्ध है, बड़ी चूक है।

जानवरों-इंसानों, दोनों के लिए इन्हीं 2 लाइसेंस नंबर पर दवा बनती है। दवा का बैच नंबर- 03/केआर/एपी/96/एफ/आर/31/12/2017 है। बैच नंबर- 01/केआर/एपी/2009/आरपी/आर/29/03/2019 है।

15 जून 2015- वेटेनरी ड्रग एंड मेडिसिन खरीदी के लिए टेंडर जारी हुआ था।
कंपनी ने भरा इन दवाओं का टेंडर- क्लोसेंटल, एल्बेंडाजोल, रेफोक्सामाइड, जेलीसिराइन, टिंक्चर बेंजोइन, टिंक्चर आयोडाइन, टरपेंटिन ऑइल, मैग्नीशियम सल्फेट, बोरिक एसीड। (निरीक्षण के दौरान तय मानकों पर कंपनी को नहीं पाया गया।)

25 जून 2015-ह्यूमन मेडिसिन खरीदी के लिए जारी हुआ टेंडर
कंपनी ने भरा इन दवाओं का टेंडर- हाइड्रोजन पेरॉक्साइड सॉलुशन, लिक्विड पेराफिन- 500 एमएल, सर्जिकल स्प्रिट बीपी- 500 एमएल। (निरीक्षण के दौरान तय मानकों पर कंपनी को पाया गया।)

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