फार्मा सेक्टर को बजट 2023 से है खास उम्मीदें

भारत हर साल ढ़ाई से तीन लाख करोड़ का सालाना दवाई कारोबार से टर्नओवर करता है। ऑर्गेनाइज और नॉन ऑर्गेनाइज मिलकर देश में कुल मिलाकर 15 से 18 हजार यूनिट है। भारत से 100 से अधिक देशों में दवाईयां भेजी जाती है। ऐसे में 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट से फार्मा सेक्टर को भी खास उम्मीदें हैं ताकि आन वाले वक्त में फॉर्मा सेक्टर में भी ग्रोथ देखने को मिले।

भारतीय इकॉनोमी में फॉर्मा सेक्टर की अहम भूमिका

फॉर्मा सेक्टर से करीब 35 सालों से जुड़े केमइंडिया कनेक्ट के डायरेक्टर डॉ. कमल जैन सेठिया ने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था में फॉर्मा सेक्टर का काफी योगदान है। साथ ही 2020 में भारतीय इकॉनोमी में केमिकल सेक्टर का 180 बिलियन डॉलर का महत्वपूर्ण योगदान है। यह उद्योग देश की जीडीपी का लगभग तीन प्रतिशत है और निर्यात के जरिए होने वाली आय में भी प्रमुख योगदानकर्ता है।

फार्मा सेक्टर में कई चुनौतियां

फॉर्मा सेक्टर  काफी डायवर्सिफाई है और फार्मास्यूटिकल्स, पेट्रोकेमिकल्स, डाई, डिटर्जेंट और उर्वरक सहित कई उत्पादों से जुड़ा है। लेकिन हाल के दिनों में फॉर्मा  सेक्टर को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा है। कमल सेठिया ने कहा कि हाल के कुछ सालोंं में भारत में फॉर्मा सेक्टर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें अन्य देशों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, बढ़ती ऊर्जा लागत और नियामक मुद्दे शामिल हैं। फॉर्मा सेक्टर को फिलहाल रेगुलेशन, सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी चिंताएं, प्रतिस्पर्धा, बढ़ती लागत और बौद्धिक संपदा आदि के कारण मुश्किलें उठानी पड़ रही है।

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