आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि भारत दुनिया में जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। भारत ने दवा उद्योग ने वैश्विक दवा उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस वक्त भारत औषधियों के उत्पादन में आकार के हिसाब से दुनिया में तीसरे स्थान पर है, जबकि कीमत के हिसाब से 14वें स्थान पर है। समीक्षा के मुताबिक भारत दुनिया में जेनेरिक (सस्ती) दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। भारत आकार के हिसाब से वैश्विक जेनेरिक दवा आपूर्ति का 20 प्रतिशत हिस्सा रखता है, जबकि टीका उत्पादन में 60 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे है।
आर्थिक समीक्षा 2022-23 में यह संभावना व्यक्त की गई है कि भारत के घरेलू दवा उद्योग ने कोविड महामारी के बाद भी अपनी वृद्धि रफ्तार को कायम रखा है और इसका बाजार वर्ष 2030 तक 130 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी की वजह से आई तेज गति से मांग के दौर में देश का औषधि निर्यात 24 प्रतिशत की उच्च दर से बढ़ा था। इस दौरान लगभग 150 देशों में जरूरी दवाइयों और चिकित्सा संबंधी अन्य उपकरणों की आपूर्ति की गई है।
केंद्रीय बजट पेश होने से ठीक एक दिन पहले केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में आर्थिक समीक्षा 2023 पर बैठक हुई। इस दौरान देश की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अभिभाषण दिया। इस दौरान दवा उद्योग को लेकर भी समीक्षा हुई। पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि संसद में पेश 2022-23 की आर्थिक समीक्षा भारत के विकास पथ का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करती है, जिसमें हमारे राष्ट्र के प्रति वैश्विक आशावाद, बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने आदि पर जोर देना शामिल है। संसद सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, इसके मुताबिक भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।