सरकार ने दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के आयात सीमा शुल्क घटाएं

चिकित्सा उपकरणों

बजट 2023-24 में सरकार के द्वारा कुछ दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के आयात सीमा शुल्क में कटौती की गई है। जिससे अब मरीजों के इलाज का खर्चा पहले के मुताबिक अब कम होगा। डायग्नोस्टिक किट या उपकरण, बल्ड ड्रग्स पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क की सशर्त रियायती दर को 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया है।

इसके अतिरिक्त कैंसर, एड्स, हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन, अस्थमा जैसी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली जीवन रक्षक दवाओं पर सीमा शुल्क में छूट की गई है। डायग्नोस्टिक टेस्ट किट के निर्माण में होने वाली बल्क दवाओं पर 31 मार्च 2025 तक छूट जारी रहेगी। कुछ छूट शर्तों के आधार पर दी गई है जिससे फार्मा कंपनियों अपने ग्राहकों को सहायता कार्यक्रम के तहत इन दवाओं की मुफ्त डिलीवरी करवा सकें।

सरकार के द्वारा मुफ्त आपूर्ति की जाने वाली दवाओं/दवाओं/टीकों के आयात या निजी उपयोग के लिए जीवन रक्षक दवाओं, विदेशी आपूर्तिकर्ताओं द्वारा मुफ्त आपूर्ति की गई दवाओं के आयात को भी सीमा शुल्क से छूट दी गई। इसके अलावा, कुछ उत्पादों जैसे ब्लड प्रेशर मॉनिटर, ब्लड ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम (ग्लूकोमीटर) और ऑस्टोमी उपकरण का आयात, सीमा शुल्क की रियायती दर 31 मार्च, 2024 तक जारी रहेगी।

केपीएमजी आईइंडिया के पार्टनर और हेड, लाइफ साइंसेज, विजय चावला ने कहा कि बजट ने आरएंडडी के मामले में फार्मा उद्योग को काफी बढ़ावा दिया है। उत्कृष्टता के विभिन्न केंद्रों (सीओई) के माध्यम से इस योजना की शुरूआत से उद्योग के खिलाड़ियों को भी आकर्षित करने में मदद मिलेगी। अनुसंधान एवं विकास में निवेश करें। मौजूदा संस्थानों में चिकित्सा उपकरणों के लिए समर्पित बहु-विषयक पाठ्यक्रम भविष्य की चिकित्सा प्रौद्योगिकियों, उच्च अंत विनिर्माण और अनुसंधान के लिए कुशल जनशक्ति की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।

साथ ही साथ देश में डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा को एकीकृत करने और आवश्यक सहयोग प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन  का गठन किया है। इस योजना के अंतर्गत देश के सभी अस्पतालों को एक ऐसे प्लेटफॉर्म पर लेकर आ रहे हैं जहां रोगियों को एक हेल्थ आईडी मिलेगी जिसका इस्तेमाल वे किसी भी अस्पताल में कर सकेंगे।

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