एक्सपायरी डेट बढ़ाकर कर दी दवा की सप्लाई

रायपुर

राजस्थान की दवा सप्लायर कंपनी विवेक फ्रर्माकेम इंडिया लिमिटेड द्वारा छत्तीसगढ़ के मासूम बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की जा रही थी। दवा जुलाई 2016 में एक्सपायर होने वाली थी उसके ऊपर टेंपरिंग, नया लेबल लगाकर कर एक्सपायरी डेट 9 महीने बढ़ा दी गई। नए लेबल में दवा मार्च 2017 में एक्सपायर होना दर्शाया गया और पूरे 2 लाख 76 हजार सिरप की सप्लाई कर दी गई। इस सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है।

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन सीजीएमएसस की अब तक हुई जांच के तमाम दस्तावेज मौजूद हैं। विवेक फॉर्माकेम को सीजीएमएससी ने जिलों से आई मांग पर आयरन एंड फोलिक एसिड सिरप सप्लाई का ऑर्डर 6 नवंबर 2015 को जारी किया। जिसकी सप्लाई विवेक फॉर्माकेम ने अलग-अलग 7 बैच में की। ये दवाएं 4 जिलों के वेयर हाऊस में पहुंच चुकी थीं, बस एक क्वालिटी टेस्टिंग के बाद सीधे अस्पताल में भेज दी जाती जहां से ये बच्चों को वितरित होती।

सप्लायर कंपनी ने बड़ी सफाई से पुराने लेबल को निकालकर उसके ऊपर नया लेबल चिपका दिया। लेकिन सीजीएमएससी ने यह गलती पकड़ ली। सीजीएमएससी ने 6 नवंबर 2015 के तहत आपूर्ति पूरे 2 लाख 76 हजार सिरप को वापस ले जाने के लिए कंपनी को लिख दिया है। इतना ही नहीं कंपनी को एक और नोटिस जारी किया गया है, जिसके जवाब पर कार्रवाई तय होगी। कंपनी पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

कहां हुई कितनी सप्लाई-रायपुर. 1 लाख, जगदलपुर. 50 हजार, कांकेर. 50 हजार, राजनांदगांव. 50 हजार, दुर्ग. 36 हजार बॉटल।

ऐसे हुआ खुलासा – ये तमाम सिरप सीजीएमएससी के अलग-अलग वेयर हाऊस पहुंचे थे। सूत्र बताते हैं कि रायपुर ड्रग वेयर हाउस की सजगता से प्रकरण उजागर हुआ। सूचना तत्काल सीजीएमएससी के मुख्यालय को दी गई। जहां से गुणवत्ता अधिकारी ने भौतिक सत्यापन पर पाया गया कि डबल लेबलिंग हुई है। बॉक्स के अंदर के हर सिरप पर एक लेबल के ऊपर दूसरा लेबल लगा हुआ है। 05जनवरी 2016 को सहायक प्रबंधन ;ड्रग स्टोरद्ध ने उप प्रबंधक ;गुणवत्ताद्ध सीजीएमएससी को जांच से संबंधित पत्र लिखा था।

विवेक फॉर्माकेम ने यही दवा की पहले भी सप्लाई-6 नवंबर 2015 के पहले भी विवेक फॉर्माकेम को सीजीएमएससी से आयरन एंड फोलिक एसिड के 2 और आर्डर 13 अक्टूबर 2014 को 11 लाख 10 हजार 15 अक्टूबर 2014 को 7 लाख 75 हजार 800 रुपए को भी इसी सिरप की सप्लाई का आर्डर जारी किया गया था।


विवेक फॉर्मा की 2 साल में पकड़ाई 2 गड़बडिय़ां,कार्रवाई के नाम पर सिर्फ टेंडर रद्द

जयपुर, राजस्थान की दवा निर्माता कंपनी विवेक फॉर्मा (इंडिया) लिमिटेड के बीते 2 साल में 2 बड़े टेंडर रद्द किए गए। इसकी वजह दोनों बार विवेक फॉर्मा द्वारा जानबूझकर की गई गड़बडिय़ां रहीं। बावजूद इसके दोनों बार सिर्फ टेंडर रद्द किए गए। लेकिन कंपनी के विरूद्ध कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा उसे बड़े-बड़े वर्कआर्डर दिए जाते रहे। इस बार तो प्रकरण सीधे बच्चों की जिंदगी से जुड़ा हुआ है।
खुलासे के बाद सीजीएमएससी के अधिकारी ने कहा कि कंपनी को दोबारा नोटिस जारी किया गया, स्पष्टीकरण के आने का इंतजार है। इसके लिए 10 दिन का समय दिया गया है। उसके बाद कंपनी के विरूद्ध कार्रवाई संबंधी निर्णय लिया जाएगा। अब देखना है कि स्पष्टीकरण पर क्या कार्रवाई तय होगी ? उधर सीजीएमएससी ने विवेक फॉर्मा को दिया ऑयरन फॉलिक एसिड सीरप सप्लाई का टेंडर रद्द कर नया ई-टेंडर सोमवार को जारी कर दिया है। जारी टेंडर में दस्तावेज सब्मिट करने की अंतिम तिथि10 मार्च है।
ये दो टेंडर हुए रद्द-नवंबर 2014 – विवेक फॉर्मा द्वारा बनाई गई डाक्लोफनेक सोडियम 50 एमजी को तमिलनाडू एफडीए ने जनवरी 2016 तक के लिए ब्लैक लिस्टेड किया था। इसके बावजूद कंपनी ने जुलाई 2013 में निविदा भरी, और सीजीएमएससी ने 10 नवंबर 2014 को कंपनी को वर्कआर्डर जारी कर दिया। कंपनी को नवंबर में ही दवा सप्लाई करनी थी। खुलासा हुआ तो वर्कआर्डर रद्द किया गया।
फरवरी 2016- बच्चों के लिए आयरन सिरप की 2.76 लाख बोतलों की सप्लाई का ऑर्डर विवेक फॉर्मा को जारी किया गया। लेकिन कंपनी ने एक्सपायरी डेट को बढ़ाने, बोतल में लगे पुराने स्टीकर के ऊपर एक नया स्टीकर चस्पा कर सप्लाई कर दी। लेकिन सीजीएमएससी ने यह गड़बड़ी पड़ ली और अब कंपनी का टेंडर रद्द कर, सप्लाई वापस ले जाने को कहा गया है। दोबारा नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।

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