एक्सापायरी दवाएं खप रही हैं बिहार में

अवैध लाइसेंस पर खरीदीं 19 लाख की दवाएं – पटना

राज्य औषधि नियंत्रण की टीम ने उस फार्म की जांच शुरू की, जहां से जीएम रोड के सावित्री फार्मा द्वारा अवैध लाइसेंस से दवाएं खरीदी गईं। इस दुकान ने तीन फार्म से अवैध लाइसेंस से दवाएं खरीदी हैं। गत दिवस एक फार्म की जांच हुई है। इससे पता चला कि 16 अप्रैल, 2015 से 26 नवंबर, 2015 तक 19 लाख 64 हजार 648 रुपए की दवाएं खरीदी गईं। दवा बेचने वाले फार्म ने भी इसकी पुष्टि जांच करने वाली टीम से की। बाकी दो फार्म की जांच से पता चलेगा कि उस अवैध लाइसेंस से इस दवा प्रतिष्ठान ने कितने रुपए की खरीदारी की। जांच टीम में ड्रग इंसपेक्टर डॉ. सच्चिदानंद प्रसाद, राकेश गुप्ता और सत्यनारायण थे।

डीआई सच्चिदानंद के मुताबिक सावित्री फार्मा की कागजातों की जांच हुई, तो अवैध लाइसेंस से दवा का कारोबार करने का खुलासा हुआ। इस लाइसेंस को वैध कराने भी कोशिश की गई, पर नहीं हो सका। राज्य औषधि नियंत्रक का कहना है कि जांच पूरी के बाद कार्रवाई तय होगी। इसमें दवा प्रतिष्ठान का लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। फिलहाल जांच पूरी होने का इंतजार किया जा रहा है। अभी तक एक दवा प्रतिष्ठान का लाइसेंस रद्द किया जा चुका है और करीब पांच दवा प्रतिष्ठानों के लाइसेंस सस्पेंड किया गया है। सूत्रों का कहना है कि छापेमारी का काम बंद नहीं हुआ है। छापेमारी अभियान जारी है। जांच की वजह से बीच-बीच में छापेमारी को रोकना पड़ता है।

बिहार में नकली दवाओं का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में अवैध रूप से नकली एवं एक्सपायरी दवाएं खपायी जा रही है, इसमें अंतरराष्ट्रीय
नेटवर्क का पता चला है। नेपाल से ऐसी दवाएं भेजी जा रही है। इसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग छापेमारी करा रही है। कहा कि सही दवा की आपूर्ति कराई जाएगी।

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