NMC: डॉक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसक घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की ओर से महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। मरीजों या फिर उनके रिश्तेदारों के द्वारा डॉक्टरों के साथ अपमानजनक व्यवहार करने पर वो इलाज के लिए मना कर सकेंगे। लेकिन डॉक्टरों को इसके साथ ये भी सुनिश्चित करना होगा कि मरीज बिना इलाज के ना रह जाये।
डॉक्टर किसी भी दवा ब्रांड या उपकरण का प्रचार नहीं कर सकते: NMC
एनएमसी के दूसरे नियम के तहत डॉक्टर किसी भी दवा ब्रांड या फिर उपकरण का प्रचार नहीं कर सकते हैं। यदि किसी डॉक्टर या उनके परिवार को कोई उपहार, यात्रा सुविधाएं, नकद या मौद्रिक अनुदान देता है तो उक्त डॉक्टर का लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त पंजीकृत डॉक्टर सेमिनार, कार्यशाला, संगोष्ठी या फिर सम्मेलन जैसे किसी भी तीसरे पक्ष की उन शैक्षिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेंगे, जिनका किसी फार्मा कंपनी का संबंध हो। अधिसूचना में साफ तौर पर कहा है कि किसी भी स्थिति में डॉक्टर उपहार नहीं ले सकते।
डॉक्टर को हर जानकारी मरीज को देना होगा जरुरी
एनएमसी के नए नियमों के अंतर्गत सर्जरी या इलाज की लागत के बारे में पूरी जानकारी मरीज को देनी जरूरी है। यहां तक कि मरीज की जांच करने या इलाज शुरू करने से पहले उसे परामर्श शुल्क के बारे में बताना होगा। इसके बाद भी यदि कोई मरीज शुल्क नहीं देता है तो डॉक्टर के पास यह अधिकार है कि वह इलाज के लिए इन्कार कर सकता है, लेकिन यह आपात स्थिति वाले रोगियों के साथ लागू नहीं होगा।
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यदि किसी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीज को अपने दस्तावेज की जानकारी चाहिए तो उक्त अस्पताल में संबंधित डॉक्टर को यह कार्य अधिकतम पांच दिन में करना होगा।
चिकित्सा आपात स्थिति के मामले में, मेडिकल रिकॉर्ड जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त शराब या नशीले पदार्थ का सेवन करके मरीजों की देखभाल करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
अपने नाम के आगे मनचाही डिग्री नहीं लिख पायेंगे डॉक्टर
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मुताबिक पंजीकृत डॉक्टर अपने नाम के आगे मनचाही डिग्री या कोर्स का नाम नहीं लिख सकते। इन्हें अपने नाम के आगे केवल एनएमसी की ओर से मान्यता प्राप्त या फिर मान्यता प्राप्त मेडिकल डिग्री/डिप्लोमा का नाम लिखना होगा।