बीमारियों का बढ़ता खतरा और चिकित्सकों काअवकाश काल

नई दिल्ली – कुमार अनिल

ताजा जानकारी के अनुसार ठंड और प्रदूषण के चलते अस्पतालों में सांस के मरीज बढ़ गए हैं और फ्लू का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। तापमान में और गिरावट होने पर हृदय मरीजों की परेशानी भी बढ़ेगी।

एम्स सहित सभी मेडिकल कॉलेजों के आधे डॉक्टर (फैकल्टी) अवकाश पर रहेंगे। एम्स में 14 दिसंबर से ही सर्दी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं। 23 दिसंबर से मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) में छुट्टियां रहेंगी। ऐसे में अस्पतालों में मरीजों के इलाज का जिम्मा रेजिडेंट डॉक्टरों पर ही होगा। एम्स में 14 से 31 दिसंबर तक एम्स में सर्दी की छुट्टियां रहेंगी। आधे डॉक्टर 14 से 22 दिसंबर तक और आधे डॉक्टर 23 से 31 दिसंबर तक नौ-नौ दिन के अवकाश पर रहेंगे। यानी एक बार में करीब 290 डॉक्टर अवकाश पर रहेंगे। अवकाश पर जाने वाले डॉक्टरों के नाम से मरीजों को एप्वाइंटमेंट देना बंद कर दिया गया है। अवकाश के दौरान ऑपरेशन भी कम होते हैं। इस वजह से मरीजों को आपरेशन के लिए भी लंबी तारीखें दी जा रही हैं। एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 10,000 मरीज पहुंचते हैं। मरीजों की संख्या की तुलना में पहले ही डॉक्टर कम हैं। ऐसे में आधे डॉक्टरों के अवकाश पर जाने से मरीजों का इलाज प्रभावित होगा। एमएएमसी में 23 दिसंबर से आधे डॉक्टर 17 दिन के अवकाश पर रहेंगे। उनके वापस आने के बाद शेष आधे डॉक्टर भी 17 दिन के लिए अवकाश पर जाएंगे। इस के अंतर्गत आने वाला लोकनायक अस्पताल दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां भी भारी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में डॉक्टरों के अवकाश के चलते मरीजों का इलाज प्रभावित होना लाजिमी है। जीटीबी अस्पताल के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) और सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल कॉलेज में भी चिकित्सकों के अवकाश से चिंता बढ़ गई है।

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