सरकारी अलर्ट : नामी फार्मा कंपनियों की दवाएं बाजार में नकली

इलाहाबाद: नामी- गिरानी कंपनियों की दवाओं के सैंपलों मे खोट की शिकायत के बाद जब केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने देशभर में ड्रग अलर्ट जारी किया तो प्रशासन की भी नींद उचट गई। अधिकारियों ने कहा कि सरकार से आदेश मिलते ही दवाओं की गहन जांच की जाएगी। नकली या मानकविहीन दवाएं पाई गई तो दवा विके्रता और निर्माता के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर केजी गुप्ता के मुताबिक, दवाओं की सैंपलिंग की जा रही है। सरकार अपने स्तर पर ड्रग अलर्ट जारी कर रही है। अगर कोई आदेश आता है तो बड़े स्तर पर अभियान चलाकर दवाओं की चेकिंग की जाएगी।

शहर की बात करें तो यहां रोजाना अनुमानत: दो से तीन करोड़ रुपए का दवा व्यापार है। इनमें तमाम फार्मा कंपनी की दवाओं की बिक्री शामिल है। देशभर में 22 कंपनियों की दवाओं में कमी पाई गई, उनमें कैडिला, एनरोज, सन फार्मा, जैक्सन, मेडिपोल शामिल हैं। इन दवाओं की शहर में बिक्री का बड़ा हिस्सा है। जिन दवाओं के सैंपल मानक के अनुरूप नही मिले उनमें एंटी बायटिक, बुखार, डायबिटीज, गैस्टिक आदि शामिल हैं।

हालिया मामले में जारी बाजार के लकी मेडिकल स्टोर का हायर एंटीबायटिक दवा का सैंपल फेल पाया गया है। यह दवा पांच सौ रुपए कीमत की है और इसे बनाने वाली कंपनी उत्तराखंड रुड़की में दर्शाई गई लेकिन वहां मिली नहीं। मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर संचालक के खिलाफ मुकदमा दायर किया जा रहा है। इसी तरह लखनऊ की दवा एजेंसी में फेल पाए गए 40 इंजेक्शन के बैच की दवाएं इलाहाबाद में भी मिली थीं। इनमें शहर के तीन मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ भी कार्रवाई हो चुकी है।

इस विकट स्थिति से निपटने के लिए एनपीपीए ने 1800111255 हेल्पलाइन नंबर जारी कर रखा है जिस पर कॉल कर जानकारी ले सकते हैं। सरकार द्वारा तय प्राइज से अधिक महंगी दवा बेचने पर डीपीसीओ- 1995 के इसेंशियल कमोडिटीज एक्ट,1955 की धारा- 7 के तहत कम से कम तीन महीने की सजा का प्रावधान है। यह सजा बढ़कर सात साल तक की हो सकती है। उल्लंघन करने वाले पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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