अपनी ही सरकार में राजनीतिक बीमारी से पीडि़त हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री विज

पंचकूला: कुछ दिन पहले राज्य में सीएम उडऩदस्ते ने प्रदेश में कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए झोलाछाप डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की। जनहित के नजरिये से देखें तो मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का यह कदम सराहनीय है लेकिन उनकी ही सरकार में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को ये कार्रवाई रास नहीं आई। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि यह सब कुछ उनसे बिना पूछे हो रहा है। स्वास्थ्य महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों को भी कार्रवाई की जानकारी नहीं दी गई।

खेमका के तबादले पर विज के ताजा बयान ने आग में घी का काम कर दिया। दरअसल, सरकारों की परवाह किए बगैर अपने काम को ईमानदारीपूर्वक अंजाम देने के लिए मशहूर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का 51वां तबादला हुआ है। उन्हें तेजतर्रार छवि वाले स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के महकमे में भेजा गया है। इस पर विज बोले कि ‘खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेंगे दो यार’। मतलब समझाने की जरूरत नहीं है।

इन स्थितियों से साफ जाहिर है कि हरियाणा की मनोहर सरकार और स्वास्थ्य मंत्री के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब हरियाणा का कोई मंत्री सरकार के किसी काम से नाराज हुआ हो। लेकिन जितने मुखर अंदाज में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने गुस्सा जाहिर किया, उसने विपक्ष को भाजपा पर हमला बोलने का मौका दे दिया।

बता दे कि पिछले दिनों सीएम फ्लाईंग स्कवाड ने हरियाणा में 150 क्लीनिक, मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर 55 झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार किए और करीब 54 मामले भी दर्ज हुए। इनमें से एक क्लीनिक पर तो स्वास्थ्य मंत्री विज के साथ डॉक्टर का बड़ा-सा फोटो भी लगा था। विज ने सीधे सीएम फ्लाईंग स्कवाड की कार्रवाई पर निशाना साधते हुए कहा कि झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई से पहले उनके विभाग को जानकारी नहीं देना गलत है। सीएम फ्लाईंग स्कवाड ने नियमानुसार उनके विभाग को भरोसे में नहीं जाना गैर कानूनी है।

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