प्राईवेट अस्पताल को नकद 5 लाख देगी सरकार, वह भी बिना बिल दिए

पंचकूला: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में लंबे समय से प्रस्तावित कैशलेश चिकित्सा सुविधा 30 नवंबर से शुरू हो जाएगी। इससे राज्य के सभी नियमित कर्मचारियों तथा पैंशनर्स को 6 जानलेवा बीमारियों के लिए 5 लाख रुपये तक का नकद राशि रहित उपचार दिया जाएगा।

योजना के तहत मरीज को हृदय, मस्तिष्क रक्तश्राव, बिजली का झटका, कोमा, तीसरे व चौथे स्तर का कैंसर तथा दुर्घटनाओं सहित जानलेवा आपात स्थितियों में कैशलेश सुविधा प्राप्त होगी। इसमें सीटी स्कैन, एमआरआई, डायलिसिस, कार्डियक कैथ लैब जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसके लिए सरकार के पैंनल पर आधारित निजी अस्पतालों को अलग से सहायता केन्द्र तथा एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा जोकि मरीज के बिलों का आदान-प्रदान संबंधित विभागों में करेगा। इन अस्पतालों को बिलों की प्राप्ति के 60 दिनों में भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही सभी विभागों को नोडल अधिकारी की देखरेख में एक अलग विंग स्थापित करनी होगी जोकि अस्पतालों से प्राप्त होने वाले बिलों के भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह निर्णय सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा की एक पुरानी मांग पर लिया गया है। इससे शुरूआत में केवल कर्मचारियों तथा पैंशनर्स को ही लाभ होगा। उनके आश्रितों को अभी इसमें शामिल नही किया गया है। कर्मचारियों के आश्रितों के उपचार के खर्च की प्रतिपूर्ति पहले की तरह ही जारी रहेगी। यह सुविधा राज्य के लाभार्थियों को सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा सरकार के पैनल पर सभी 67 अस्पतालों में मिलेगी। इन अस्पतालों में कर्मचारियों और पैंशनर्स को 5 लाख रुपये तक के बिल की अदायगी नहीं करनी होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए संबंधित विभागों को अपने कर्मचारियों के आधार लिंक सहित परिचय पत्र तथा पैंशनर्स के पीपीओ क्रमांक जारी करने होंगे ताकि मरीजों को अपनी पहचान बताने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए। इसके साथ ही उन्हें विभाग की वेबसाईट पर अपने कर्मचारियों / पैंशनर्स की सूची उपलब्ध करवानी होगी।

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