दवा सप्लायर कंपनियों को नोटिस

लखनऊ। सरकारी अस्पतालों में दवाइयों का संकट गहरा गया है। जीवनरक्षक के साथ सामान्य दवाइयां तक अस्पताल के दवा स्टोर से खत्म हो चली हैं। यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बिना दवा लिए ही लौटना पड़ रहा है। केंद्रीय दवा भंडार के फार्मासिस्ट के अनुसार सप्लाई न होने के बारे में संबंधित अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने मामला संज्ञान में आने पर संबंधित कंपनियों को समय पर दवा की सप्लाई नहीं करने पर नोटिस भेजा है। सिविल, लोहिया, रानी लक्ष्मीबाई, लोकबंधु सहित अन्य अस्पतालों में एमोक्सीसिलीन, रेनिटिडिन, ऐस्प्रिन, एमिट्रीफाइलिन, कैल्शियम, क्लोनाजेपम, फ्लुओक्सेटिन, प्रेडनीसोलोन, सालबूटामोल, एमिट्रिप्टीलिन जैसी दवाओं की कमी है। केजीएमयू में दर्द निवारक दवाओं के साथ ही ड्रेसिंग और सर्जिकल सामान की भी कमी बनी हुई है। यहां तीस फीसदी से ज्यादा दवाइयांं नहीं हैं।

बजट न होने से दवाओं की सप्लाई नहीं हो रही है। इस संबंध में डीजी हेल्थ डॉ.पद्माकर सिंह ने कहा कि अस्पतालों में दवाएं न होने की शिकायतें मिली हैं। सप्लाई करने वाली कंपनियों को समय पर दवा उपलब्ध करवाने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है। वहीं, केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार की मानें तो किस्तों में बजट मिलने से समस्या आ रही है। फिर भी मरीजों को हर संभव दवाएं मुहैया करवाने का प्रयास किया जा रहा है। इमरजेंसी की सभी दवाएं उपलब्ध हैं। बाकी के लिए कंपनी को डिमांड भेजी है।

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