झोलाछाप डाक्टरों के झोले में सोना-चांदी

पटना। बिहार की राजधानी पटना इन दिनों झोलाछाप डाक्टरों के लिए सुर्खियों में है। यहां पैथोलॉजी जांच के नाम पर मरीजों से खुलेआम लूट हो रही है। पटना में पैथोलॉजी सेंटर में जहां मनमानी फीस वसूली जा रही है। वहीं इनके लैब में रेट लिस्ट भी गायब हैं।

पटना के इन पैथोलॉजी सेंटर में बिना डॉक्टर के ही अनट्रेंड कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है। अनट्रेंड होने के कारण इन कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट गलत होती है, जोकि हैरान करने वाली बात नहीं है। लेकिन इससे मरीजों को कितना नुकसान हो रहा है। ये बताने की जरूरत नहीं है।

पैथोलॉजी सेंटर में आरए फैक्टर, एंटी-सीसीपी, सीआरपी, ईएसआर, यूरिक एसिड, हीमोग्लोबिन, फोलिक एसिड, विटामिन डी, लिपिड प्रोफाइल, थायराइड प्रोफाइल, लिवर प्रोफाइल की जांच होती है। शहर के न्यू बाईपास एरिया में संचालित हो रहे तीन दर्जन से अधिक प्राइवेट अस्पतालों के अंदर पैथोलॉजी लैब भी संचालित हो रहे हैं। लेकिन यहां 15 से अधिक ऐसे पैथोलॉजी लैब हैं जिनके पास न तो कोई रजिस्ट्रेशन हैं और नहीं यहां पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं।

डॉक्टर ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए पैथोलॉजिस्ट से रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कराने की सेटिंग कर लेते हैं। इसमें डॉक्टर को मोटा मुनाफा होता है। इस काम में सिर्फ डॉक्टर ही नहीं लगे है, बल्कि दवा दुकानदार भी अपनी कमीशन के लिए पैथोलॉजिस्ट व जांच घर से सेटिंग करके बैठे हैं।

हैरान करने वाली बात ये है कि शहर में संचालित हो रहे प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में स्वास्थ्य विभाग की ओर से छापेमारी नहीं होती है। जिस कारण नियमों को ताक पर रख कर मरीजों की जांच कर रहे हैं। इन सब के बीच कोई पीस रहा है तो वो मरीज है, जिसकी कोई सुध नहीं ले रहा है।

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