यहां सरकारी अस्पताल में मिलती है बीमारी

(रायपुर/धमतरी): राज्य के शासकीय अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को इनदिनों विकट स्थिति का सामना हो रहा हैं। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के अनुसार, राज्य के अधिकांश शासकीय अस्पतालों में चिकित्सको की कमी हैं। जो सेवारत हैं, वे भी अपने स्थान पर नहीं मिलते। अस्पताल में रोगो की जांच करने के लिए रखी महंगी मशीने भी काम नहीं कर रही। दूर-दराज इलाकों से शासकीय अस्पतालों में सस्ते और उत्तम इलाज के लिए आने वाले मरीज मायूस होकर लौटते हैं।

मजबूर मरीजों ने साहस दिखाते हुए कई जगहों पर अस्पताल प्रबंधन और आला प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन नतीजा शून्य ही है। हालत ये है कि जांच के बाद गंभीर रोगियों को वार्ड में दाखिल करने के बावजूद चिकित्सक राउंड नहीं लेते। कई अवसरों पर ऑपरेशन से पहले या जांच के पहलें रिश्वत मांगने की शिकायतें सामने आई हैं। कुछ अस्पतालों में बगैर इलाज किए अथवा मशीन की खराबी के नाम पर मरीजों को लौआ दिया जाता है। कई जगह जांच के लिए शुल्क रसीद के नाम पर मरीजों को घंटो लाइन में लगना पड़ रहा हैं।

लाचार मरीज इलाज और जांच के लिए निजी अस्पतालों और जांच केन्द्रों में जा रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को भी निजी सेंटरों का भारी-भरकम खर्च वहन करना पड़ता है। स्वास्थ्य निदेशक राजधानी सहित कई अन्य जिलों के अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर कड़े निर्देश दे चुके हैं। कुछ दिन तक तो स्थितियां ठीक रहती है लेकिन बाद में फिर हालात बदतर हो जाते हैं।

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