फार्मासिस्टों को दवा लिखने का अधिकार नहीं !

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उदयपुर वाटी (राजस्थान): प्रभावकारी मंजूरी के बावजूद अपनी अनिवार्यता को लेकर संघर्ष कर रहे देश भर के फार्मासिस्टों को कैमिस्ट संगठन और दवा विक्रेताओं की नाखुशी का सामना करना पड़ रहा है। दवा दुकानदार फार्मासिस्ट के नाम से लाइसेंस तो चाहते हैं लेकिन उन्हें कैमिस्ट शॉप पर नियुक्त कर उचित वेतन देने से परहेज करते हैं। कई जगह तो कैमिस्ट साफ तौर पर सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं कि दवा कारोबार में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता समाप्त की जाए। लेकिन सरकार शायद इस पर राजी नहीं है।

ताजा जानकारी के मुताबिक, उदयपुर वाटी की सीएचसी पर लगे फार्मासिस्टों ने चिकित्सा मंत्री के नाम एसडीओ को ज्ञापन देकर दवा लिखने का अधिकार मांगा है। ज्ञापन देकर बताया कि 17 दिसंबर से चल रही डॉक्टरों की हड़ताल के चलते साधारण सर्दी-जुकाम बीपी के मरीजों को परेशानी हो रही है। फार्मासिस्टों का तर्क है कि वे डॉक्टरों की पर्ची देख कर दवा देते हैं। वे दवा के बारे में सामान्य जानकारी रखते हैं। ज्ञापन देने वालों में दिनेश भार्गव, शिवराज सिंह, सुभाष सैनी मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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