अस्पतालों पर लगेगी लगाम!

अस्पताल
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गुरूग्राम। हरियाणा की मनोहर सरकार द्वारा क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट की मंजूरी का असर अब हरियाणा के अस्पतालों पर पड़ता दिखने वाला है। प्रदेश में लागू होने वाले क्लीनिकल इसटेब्लिशमेंट एक्ट को लाइन आफ कन्ट्रोल जैसा बताया जा रहा है।

जानकार बताते है कि इस एक्ट से लागू होने की वजह से जहां अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगेगी। वहीं अस्पतालों को पारदर्शी भी होना पड़ेगा। इंडियान मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि एक्ट का सर्कुलर देखने के बाद ही तय हो सकेगा कि इसमें किन तथ्यों का संसोधन किया जाना हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, इस एक्ट के लागू होने से हर अस्पताल को मानक के अनुसार ही काम करना होगा। साथ ही अस्पतालों में 24 घंटे आक्सीजन सिलेंडर रखने होंगे, अस्पतालों को पर्याप्त स्टाफ और आपाकालिन सेवाएं चालू रखनी होगी। इतना ही नहीं, शिकायतों पर सीधे केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय नजर रखेगा। मरीजों की माने तो उन्हें उम्मीद है कि इस एक्ट से उनके साथ होने वाली धोखाधड़ी रूकेगी और उन्हें सही इलाज मिलेगा।

आपको बता दें कि हाल में मैक्स, फोर्टिस, मेदांता, पार्क सहित अन्य अस्पतालों में मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी करने संबंधी खबरें लोगों के लिए सुर्खियां बनी थी। इन अस्पतालों पर आरोप लगा था कि इन्होंने इलाज के नाम पर मरीजों के परिवारों से लाखों रूपए के बिएल दे दिए। इन अस्पतालों के कई मामलों ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी है।

सबसे ज्यादा फोर्टिस अस्पताल में डेंगू से आद्या नाम की लड़की की मौत के बाद उसके परिजनों से वसूले गए लाखों रुपए के भारी भरकम बिल से अस्पताल की चर्चा थी। बताया जाता है कि देश में इस एक्ट को सबसे पहले बंगाल ने लागू किया। जिसके बाद बढ़ते हंगामे व मरीजों की हो रही मौतों के कारण इसे अन्य राज्यों पर भी लागू करने संबंधी दबाव बढ़ने लगा।

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