ब्रांडेड दवा लिखने वाले डॉक्टर नपेंगे

पालमपुर (ह.प्र.)। सरकारी आदेशों के बावजूद जेनेरिक के स्थान पर महंगी दवाइयां लिखने वाले डॉक्टर नपेंगे। राजीव गांधी गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज एवं अस्पताल पपरोला में सरकारी पर्ची के बजाए फर्जी चिटों पर ब्रांडेड दवाएं लिखने के मामले की जांच शुरू हो गई है।

बता दें कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को डॉक्टर जेनेरिक के बजाए महंगी दवाएं लिखकर दे रहे थे। इसके लिए वे सरकारी पर्ची का इस्तेमाल न कर अलग से फर्जी चिट पर लिखते थे। मामला संज्ञान में आने पर आयुर्वेद विभाग के निदेशक ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। आयुर्वेदिक विभाग कांगड़ा के उपनिदेशक अब जांच के लिए आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल का दौरा कर महंगी दवाएं लिखने के कारणों की भी जांच करेंगे। अस्पताल में आम दवा तो सरकारी पर्ची पर ही लिखी जाती है, लेकिन ब्रांडेड दवा के लिए मरीजों को अलग से पर्ची दी जाती है। हालांकि आयुर्वेद में ब्रांडेड दवाएं नहीं होती हैं और इलाज आयुर्वेदिक तरीके से होता है। इसके बावजूद जिस तरह से चिटों पर ब्रांडेड दवाएं लिखी जा रही हैं तो उससे विभाग के आदेशों की अवहेलना हो रही है। उधर, आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डॉ. विजय कुमार ने बताया कि वह अस्पताल में मामले की जांच करेंगे और इसकी रिपोर्ट बनाकर विभाग को भेजी जाएगी। उधर, अस्पताल सूत्रों का कहना है कि आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल में बजट मेडिकल कॉलेजों के मुकाबले कम होता है। इस कारण यहां दवाओं की खरीद में दिक्कत रहती है। इसके चलते डॉक्टर आयुर्वेदिक के साथ-साथ एलोपेथिक दवाएं लिख रहे हैं। यही नहीं, यहां प्रसव के लिए आने वाले मामलों में भी दवाएं बाहर से मंगवाई पड़ती हैं।

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