ब्रेकेज एक्सपायरी में कोई कटौती नहीं होती, पूरा लाभांश दें : शिंदे

कोलकाता। ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) की राष्ट्रीय स्तर की बैठक कलकत्ता में सम्पन्न हुई। इसमें रिटेल दवा व्यापारियों की समस्याओं को तवज्जो दी गई। ब्रेकेज एक्सपायरी दवाओं पर थोक दवा व्यवसाई रिटेलरों से दवा वापसी के समय लाभांश व जीएसटी के नाम पर 30 फीसदी तक कटौती कर लेते हैं जो सरासर गलत है। अध्यक्ष जेएस शिंदे ने बताया कि दवा निर्माताओं के शिष्टमंडल से दो बार बैठक हो चुकी है। सभी निर्माताओं ने माना कि वे एमआरपी टू एमआरपी लेस्स करते हैं। किसी भी थोक दवा व्यवसाई से कोई कटौती नहीं करते। अत: रिटेलर भी एमआरपी के हकदार हैं। उनके हकों से खिलवाड़ न किया जाए। रिटेलरों की बड़ी समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय संस्था दवा निर्माताओं को पुरजोर सन्देश देगी कि दवा के पत्ते का आकार 10 गोली /कैप्सूल तक ही रखें। सम्भव हो तो दैनिक डोज के साथ घान संख्या, अवधि समाप्त की जानकारी छापी जाए ताकि रिटेलर के पास कम से कम दवा एक्सपायर हो।

होलसेल दवा व्यवसाइयों की मांग थी कि जीएसटी की रिटर्न भरते में बहुत समय बर्बाद होता है। जहां व्यपार पर कुप्रभाव पड़ता है, वहीं कई बार जीएसटी के टैक्स में भी गलती लगती है। सरकार को चाहिए कि दवाइयों को जीएसटी से मुक्त किया जाए। दवा रोगी मजबूरी में दवा खरीदता है ताकि उसकी जान बच सके। अत: दवाइयां जीवनरक्षक की श्रेणी में आती हैं। इन्हें टैक्स फ्री होना चाहिए। इस पर शिंदे ने कहा कि सरकार से कई बार बात हो चुकी है। वह दवा व्यापारियों के दर्द को समझ नहीं पा रही। शीघ्र ही सरकार से फिर बात करेंगे ताकि कोई हल निकल सके।

कई दवा निर्माता दवाइयां सीधे अस्पताल को बेच देते हैं। वह भी 30 से 40 प्रतिशत की छूट के साथ परन्तु रिटेलरों को 5 से 10 प्रतिशत तक ही स्कीम का लाभ मिल पाता है। इसके चलते अस्पताल रोगी को रिटेलर से कम दाम पर दवा उपलब्ध करवा देते हैं। ऐसे में जहां रिटेलर की विश्वसनीयता को चोट लगती है वहीं दवा विक्रेता से लोग छूट की मांग करते हैं। रिटेलर आपसी प्रतिस्पर्धा के दलदल में फंसकर अपना लाभांश भी खो देता है। यह व्यापार लाभ न देकर घर चलाने की मजबूरी बनकर रह गया है। अत: दवा निर्माता बाजार में होलसेल फिर रिटेलर के माध्यम से ही अस्पताल को दवा बिक्री के लिए उपलब्ध कराए। न कि निर्माता सीधे अस्पताल या रोगी को दवा उपलब्ध करवाए। इस पर अध्यक्ष शिंदे ने आश्वासन दिया कि दवा निर्माताओं को कड़ी मेंटेन करने के लिए प्रतिबद्ध करेंगे ताकि रिटेलर को व्यापार मिले और आपसी प्रतिस्पर्धा से छुटकारा मिल सके।

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