टीबी मरीज को वजन के हिसाब से मिलेगी दवा

शिवपुरी। टीबी जैसे संक्रामक रोग पर लगाम कसने के लिए सरकार ने इलाज के पैटर्न और दवाओं में बदलाव किया है। अब तक जिस तरह से टीबी के मरीजों को दवा दी जाती है, उसमें परिवर्तन करते हुए मरीज के वजन के हिसाब से दवा दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि अभी तक मरीजों को टीबी की दवा इंटरमिटेन थैरेपी से एक दिन छोड़ कर दी जाती थी। अब इसके स्थान पर दवाओं में कुछ बदलाव करके ऐसी दवाएं इजाद कर ली हैं, जिन्हें एक दिन छोड़ कर देने की बजाय अब रोजाना दिया जाएगा। इसे डेली डॉट्स के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा यह दवा अब मरीज को उसके वजन के हिसाब से दी जाएगी। डॉ. आशीष व्यास के अनुसार इस दवा के आने के बाद मरीज का डॉज सेट करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी, अभी तक ऐसा नहीं था। इसके अलावा बच्चों के लिए पीडियाट्रिक डॉज लाया गया है। इस दवा को अब बच्चों को पानी में घोल कर दिया जा सकेगा। अभी तक जो दवा बच्चों को दी जा रही थी उसे घोल कर नहीं दिया जा सकता था। इस कारण कई बच्चे दवा नहीं खा पाते थे।

सरकार ने जमीनी स्तर पर किए विभागीय सर्वे में यह पाया है कि मरीजों को टीबी की दवाओं का असर उनकी शारीरिक कमजोरी के कारण भी नहीं होता है। यही कारण है कि सरकार जल्द ही अब टीबी के प्रत्येक मरीज को पोषण आहार के लिए 500 रुपए महीने देगी। माना जा रहा है कि अगले वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। डॉ. आशीष व्यास के अनुसार सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसके तहत टीबी की दवा एच-1 ड्रग शेड्यूल में आती है। दवा विक्रेताओं को दवा खरीदने वालों का रिकॉर्ड एक रजिस्टर में रखना होगा। इसके अलावा उसे रजिस्टर में प्रिसक्रिप्सन भी लिखना होगा तथा यह रिकॉर्ड भी रखना होगा कि उक्त प्रिसक्रिप्सन किस डॉक्टर ने लिखा है।

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