इंजेक्शन ‘एमबी डेक्सा’ पर लगा बैन

रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने आंखों के आपरेशन में इस्तेमाल किए जाने वाले इंजेक्शन ‘एमबी डेक्सा’ पर बैन लगा दिया है। यह फैसला राजनांदगांव के क्रिश्चियन फेलोशिप अस्पताल में आपरेशन के बाद 30 लोगों की आंख की रोशनी जाने का मामला संज्ञान में आने पर लिया गया है। प्रदेश के सभी सीएमओ को पत्र लिखकर इस इंजेक्शन एमबी डेक्सा (डेक्सामेथासोन) पर पूरे राज्य में इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। विभाग ने मोतियाबिंद ऑपरेशन वाले मरीजों को भी दो दिन भर्ती रखने के बाद छुट्टी देने के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि क्रिश्चियन अस्पताल में पिछले महीने केवल 1000 रुपए में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। इसमें सोलन हिमाचल प्रदेश में बने बैच नंबर एमवी7जे38, निर्माण की तारीख अक्टूबर 2017, एक्सपायरी डेट सितंबर 2019 30 मिलीमीटर की शीशी है। इंजेक्शन मार्टिन एंड ब्राउन बायोसाइंस कंपनी ने बनाई है। इसे धमतरी के श्रीगणेश डिस्ट्रीब्यूटर ने सप्लाई किया था। सप्लायर के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। एक हजार के ऑपरेशन में 250 रुपए का लैंस व इतने ही रुपए दवा में खर्च किए जाते हैं। जिन मरीजों के पास स्मार्ट कार्ड नहीं होता, उनका ऑपरेशन राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के तहत किया जाता है। इसका फंड केंद्र सरकार से मिलता है।

इस फंड में मरीजों के खाने की व्यवस्था भी नहीं है। यानी मरीजों को खुद का पैसा खर्च कर पेट भरना होगा। बिना स्मार्ट कार्ड वाले मरीजों का निजी अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन करने पर प्रति मरीज एक हजार रुपए का भुगतान किया जाता है। यही ऑपरेशन अंबेडकर अथवा जिला अस्पताल में हो तो प्रति मरीज 450 रुपए का अनुदान दिया जाता है। निजी अस्पतालों के लिए 250 रुपए का लैंस, 250 रुपए की दवा, 100 रुपए का सूचर, 150 रुपए का पॉवर वाला चश्मा, 150 रुपए कैंप का खर्च व 100 रुपए पंपलेट व प्रचार के लिए खर्च करने का प्रावधान है।

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