मेडिकल स्टोर के लाइसेंस होंगे कैंसिल

इंदौर। प्रतिबंधित ड्रग्स बेचने के आरोप में गिरफ्तार तीनों आरोपियों के दवा स्टोर के लाइसेंस कैंसिल किए जाएंगे। पुलिस ने इस संबंध में खाद्य एवं औषधि विभाग को लेटर लिखा है। पुलिस के अनुसार आरोपी पवन तिवारी, वसीम और फारुख के तार इंदौर के दवा बाजार में सक्रिय सप्लायरों से भी जुड़े हुए हैं। पुलिस को गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों की भी जानकारी मिली है। जल्द ही इनकी भी धरपकड़ की जाएगी।
सीएसपी एसकेएस तोमर ने बताया कि पवन तिवारी निवासी गंगानगर, मोहम्मद फारुख निवासी मल्हारगंज, वसीम खान निवासी स्कीम नंबर 71, भीम उर्फ जितेंद्र निवासी नंदन नगर, जितेंद्र हिरवे, हेमंत गुप्ता निवासी उज्जैन, निलेश निवासी नागपुर महाराष्ट्र, हेमंत माहेश्वरी निवासी ग्वालियर और मोनू उर्फ मुनेंद्र निवासी जवाहर कॉलोनी से 21 लाख 2 हजार 473 रुपए कीमत की 3 लाख 15 हजार 371 प्रतिबंधित ड्रग्स (अल्प्राजोलम) मिली हैं। ये गिरोह इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, नागपुर और आगरा के थोक दवा कारोबारियों के एजेंट व सप्लायरों से जुड़ा था, जो थोक में दवाओं के कार्टन की अवैध रूप से सेलिंग कर रहा था।
शहर में इस गिरोह के सक्रिय एजेंट स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स को और गरीब बेरोजगारों व बदमाशों को एमआरपी से अधिक रेट में ड्रग्स उपलब्ध कराते थे। आगरा की फैक्ट्री से प्रतिबंधित ड्रग्स लेकर ये लोग ग्वालियर और वहां से इंदौर ट्रैवल्स की बसों में भेजते थे। नशीली ड्रग्स के सप्लायरों की इंदौर के दवा बाजार में भी घुसपैठ थी। यहां के कुछ लोगों से भी ये नशीली दवाओं को लेकर डील कर चुके थे। नाइट्रावेट और गांजे का नशा करने वाले कई बदमाश भी इस गिरोह के संपर्क में बताए गए हैं। ये 34 रुपए का पत्ता खरीदकर 100 से 300 रुपए छमें ात्रों और बेरोजगार युवकों को बेचते थे।
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