दवा निर्माताओं का रुझान बढ़ा, 29 को मिली स्वीकृति

गड़बड़ी

अम्बाला। फूड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन ने वित्त वर्ष 2017 -18 के दौरान दवा निर्माताओं को हरियाणा में कार्य करने के लिए चलाए अभियान के तहत 29 दवा निर्माताओं को लाइसेंस जारी कर दिया, 12 कॉस्मेटिक निर्माताओं को भी उत्पादन अनुमति प्रदान कर दी है। 35 अस्पतालों को राज्य औषधि प्रशासन ने एसेंशियल नारकोटिक ड्रग इस्तेमाल करने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है।  फूड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन ने हुक्का बार में प्रयोग होने वाले निकोटिन तंबाकू उत्पादों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वर्ष 2017-18 में 34 मामलों में अभियोजन दर्ज करवाए गए हैं। शेड्यूल एच दबाव व नारकोटिक साइको ट्रॉपिक सब्सटेंस तथा दवाओं के अवैध प्रयोग को रोकने के लिए 165 संयुक्त रेड की गई जिसमें अलग-अलग सूचनाओं के आधार पर 599  केमिस्ट शॉप्स के लाइसेंस रद्द या सस्पेंड किए गए। 49 मामले न्यायालय में दर्ज करवाए गए जिसमें 30 मामले नारकोटिक एवं साइको ट्रॉपिक सब्सटेंस के एफआईआर दर्ज करवाई गई।

हरियाणा उत्तर भारत का प्रथम वह राज्य बन गया है जिसमें ऑनलाइन सेल पर पैनी नजर रखते हुए 9848 निरीक्षण किए गए, 422 निर्माताओं तथा 2271 दवाओं के सैंपल लिए गए। इस वर्ष निम्न स्तर के दबाव तथा नकली दवाओं का आंकड़ा रिकॉर्ड निम्न स्तर पर आया। फिर भी 830 के विरुद्ध मामले न्यायालय में दर्ज करवाए गए जिनमें से 24 को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए विभाग के पक्ष में निर्णय सुनाया। राज्यभर में 165 स्थानों पर दबिश दी गई, जहां विदेशी सिगरेट जिन पर चेतावनी उद्धरित नहीं की गई थी, के मामलों में 30 एफआईआर दर्ज करवाई गई। राज्यभर में अलग-अलग मामलों के 54 केसों में से 24 पर निर्णय दवा व्यापारियों के पक्ष में गया तथा 30 को ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत सजा सुनाई गई।

उपरोक्त जानकारी देते हुए हरियाणा राज्य के औषधि नियंत्रक डॉक्टर नरेंद्र आहूजा ने बताया कि विभाग पूरी तरह से चौकन्ना हो, दवाओं के व्यापार में किसी भी अवांछनीय गतिविधि को रोकने में सक्षम है। राज्य औषधि नियंत्रक के मन में अपने अधीनस्थ फील्ड स्टाफ डीसीओ के भारी कमी का दर्द साफ झलक रहा था कि 1-1 डीसीओ को 2 या  दो से अधिक जिलों का कार्यभार संभालना पड़ रहा है जिससे उनकी व्यस्तता अधिक हो जाती है। वह अत्याधिक कार्यभार के चलते और अधिक अनुकरणीय परिणाम नहीं दे पा रहे परंतु जितने परिणाम आए वह अत्यंत सराहनीय हैं। सरकार से मांग की की शीघ्र ही राज्य के डीसीओ की गणना/गिनती को बढ़ाया जाए ताकि और अच्छे तरीके से विभाग कार्य कर सकें।

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