लाखों का अमानक दवा कारोबार, आफत में मरीजों की जान

ग्वालियर, मध्य प्रदेश 
जिले के दवा बाजार में रोजाना करीब 75 लाख रुपए का कारोबार होता है। इसमें करीब 30 लाख रुपए की अमानक दवाओं की खपत रोजाना हो रही है। ये दवाएं आगरा के रास्ते आ रही हैं। मोटी कमाई के फेर में चल रही नकली दवाओं की बिक्री के खेल से मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है।
यह खुलासा प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के पास पहुंचे एक पत्र से हुआ है। इस पत्र के बाद डीजीपी ने पूरे प्रदेश में सभी आईजी को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उधर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने भी अपने ड्रग इंस्पेक्टरों को ऐसे ही निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह के पास दो महीने पहले एक चिट्ठी पहुंची थी, चिट्ठी भेजने वाले ने लिखा था कि आगरा के रास्ते करोड़ों रुपए की अमानक दवाएं मध्यप्रदेश और राजस्थान में पहुंचाई जा रही हैं। यह दवाएं प्राइवेट टैक्सी, कार और बसों मे जरिए पहुंचाई जाती हैं और इसके बाद प्रदेश भर में सप्लाई की जाती है। ऐसी दवाएं रोग ठीक नहीं करती हैं बल्कि नक्कालों की जेब भरती हैं। डीजीपी श्री सिंह ने पत्र को गंभीरता से लिया और प्रारंभिक पड़ताल करवाने के बाद इस पत्र को प्रदेश के सभी आईजी को भेजने के साथ यह भी लिखा कि अमानक दवाओं को चेकिंग में पकड़ें।
कार्डेक 2.5 का सैंपल हुआ फेल: आगरा के ड्रग इंस्पेक्टर ने शमशाबाद से हृदय रोगियों को उपचार में दी जाने वाली दवा कार्डेक 2.5 का सैंपल लिया था। जांच में सैंपल फेल हो गया है। संबंधित दवा विक्रेता को नोटिस जारी किए गए हैं। साथ ही औषधि प्रशासन यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि यह दवा कहां से आई और उप्र के साथ-साथ और कहां-कहां सप्लाई की गई है।
92 सैंपल, रिपोर्ट मिली 30 की: प्रदेश में दवाओं की गुणवत्ता की जांच के लिए इकलौती लैब भोपाल में है। प्रदेश भर से दवाओं के सैंपल वहां जाते हैं। सैंपलों की रिपोर्ट आने में छह से आठ माह तक का समय लग जाता है। सात माह पहले ड्रग इंस्पेक्टर ग्वालियर ने फैंसीडिल कफ सीरप के सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इनकी रिपोर्ट अब आई है। रिपोर्ट पेंडिंग होने के चलते दवाओं की सैंपलिंग भी प्रॉपर नहीं हो पाती है। इस साल में 92 दवाओं के सैंपल लिए गए हैं जिसमें से सिर्फ 30 की रिपोर्ट आई है,जिसमें से एक भी सैंपल फेल नहीं हुआ है। अभी भी 62 सैंपलों की रिपोर्ट अटकी है। ड्रग इंस्पेक्टर का कहना है कि आगरा की दवाएं प्रदेश में खपाने की शिकायत शासन को मिली है और सैंपलिंग करने के लिए कहा है। जिले में दवाओं की सैंपलिंग समय -समय पर की जाती है। शासन के निर्देश पर बड़े स्तर पर सैंपलिंग की जाएगी।
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