आयुष विभाग नेशिविर में बांटी एक्सपायर्ड दवा  

रायपुर (छत्तीसगढ़)। गरियाबंद जिले के सूपेबेड़ा गांव में शासन व प्रशासन की घोर लापरवाही सामने आयी है। मरवाही विधायक अमित जोगी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने गांव में आयुष चिकित्सा एवं जनजागरूकता शिविर लगाकर मरीजों को किडनी रोग की कथित होम्योपेथी की एक्सपायर्ड दवा बांट दी।
यह दवा न्यू लाइफ लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाई गयी है, जिसकी मैन्युफैक्चरिंग तिथि फरवरी 2013 की है और निर्माण से 60 माह (5 वर्ष) बाद यह दवा एक्सपायर दर्शाई गई है। मतलब यह कि फरवरी 2018 में यह दवा एक्सपायर हो चुकी है। इस शिविर में एक्सपायरी तिथि से 2 माह से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और डॉक्टरों की मौजूदगी में आयुष विभाग ने यह दवा लोगों को दी। इतना ही नहीं, इस दवा की शीशी पर यह भी लिखा है कि इसमें अल्कोहल (शराब) की मात्रा 67 फीसदी है और एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल द्वारा यह बनाई गई है।
विधायक अमित जोगी ने आरोप लगाया कि शराब बेचने का काम तो सरकार ने पहले ही शुरू कर दिया है। अब दवाइयों के माध्यम से भी सरकार लोगों को शराब पिला रही है। सरकार सूपेबेड़ा के किडनी रोगियों का मजाक बना रही है। उन्हें एक्सपायरी दवा के रूप में जहर बांटकर पहले से बीमार लोगों की सेहत के साथ जानलेवा खिलवाड़ किया जा रहा है। जिन 45 लोगों ने शिविर में इस दवाई को लिया है, उनकी सेहत बिगडऩे पर इसकी पूरी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।
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