ऑनलाइन सलाह की पर्ची पर नहीं मिल रही दवा

अलवर। सामान्य अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए संचालित टेलीमेडिसन सेवा दुविधा बन गई हैै। जयपुर से ऑनलाइन परामर्श लेने वाले मरीजों के पर्चे पर नि:शुल्क दवाएं नहीं मिल रही हैं। परामर्श के बाद ऑनलाइन आने वाले सरकारी पर्चे पर लिखी दवाएं फिर से अस्पताल के पर्चे पर लिखनी पड़ रही हैं। अस्पताल के पर्चे पर लिखी दवाओं पर डॉक्टर की मुहर लगवाने के लिए मरीजों को भटकना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन इस समस्या का दस महीने बाद भी निराकरण नहीं कर पाया है।
गौरतलब है कि सामान्य अस्पताल में रैफर होने वाले मरीजों का स्थानीय स्तर पर ही इलाज करने के लिए बीते साल जुलाई में टेलीमेडिसन सेवा शुरू की गई थी। टेलीमेडिसन सेवा में कार्यरत एकमात्र नर्सिंगकर्मी मरीजों को ऑनलाइन परामर्श दिला रहा है। यहां छह सौ से ज्यादा मरीजों को जयपुर के विशेषज्ञ डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श दिलाया जा चुका है। जयपुर रैफर होने वाले मरीजों को जिला अस्पताल में ही रोकने के लिए टेलीमेडिसन सेवा शुरू की गई, जिससे भर्ती मरीज को रैफर करने से पहले ऑनलाइन सेवा के जरिए सुपर स्पेशलिस्ट से परामर्श ले सकें। जिला अस्पताल में अभी तक एक भी भर्ती मरीज को सुपर स्पेशियलिटी परामर्श नहीं मिल पाया है क्योंकि इसमें डॉक्टर का होना जरूरी है और वे इसमें रुचि नहीं ले रहे।
जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. भगवान सहाय का कहना है कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना में मरीज की दवा की ऑनलाइन एंट्री डॉक्टरों के नाम से होती है। उसमें हॉस्पिटल के डॉक्टरों के ही नाम दर्ज हैं। ऑनलाइन परामर्श की दवा की एंट्री उसमें नहीं होने से अस्पताल के पर्चे पर दवा लिखनी पड़ती है। डॉक्टर टेलीमेडिसन सेवा में रुचि लें तो मरीज को भी भटकने की जरूरत नहीं होगी, लेकिन ओपीडी में रोगी अधिक होने के कारण डॉक्टर टेलीमेडिसन तक नहीं पहुंच पाते हैं।
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