कान की दवा का सैंपल मिला फेल

श्रीगंगानगर। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत की गई सप्लाई में कान की दवा का सैंपल फेल मिला है। औषधि नियंत्रक विभाग ने इस दवा का सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजा था। अब रिपोर्ट आने पर इसे अमानक घोषित करते हुए इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दी है। बताया गया है कि श्रीगंगानगर में मरीजों को दी जाने वाली कान की दवा की चार सौ शीशियां डिस्ट्रिक्ट ड्रग वेयर हाउस में भिजवाई गई थी।
गौरतलब है कि कान में इन्फेक्शन होने पर दी जाने वाली निओमाइसिन, हाइड्रोकोरटीसन और पोलिमिक्सिन बी साल्ट की इस दवा का बीते वर्ष सैंपल लिया गया था। जांच में इसे इंस्टेब्लिटी मानते हुए सैंपल फेल करार दिया गया है। औषधि नियंत्रक अशोक मित्तल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के एक गांव में सनवैट हेल्थ केअर कंपनी की ओर से निर्मित ईयर ड्रॉप में सफेद कण मिला है और यह दवा मानकों के अनुरूप पारदर्शी भी नहीं थी। अफसरों के मुताबिक कंपनी के बैच नंबर 1804 निर्मित यह दवा अप्रैल 2017 में निर्मित कर मार्च 2019 तक वैध बताई गई थी। ड्रग वेयर हाउस के डॉक्टर अजय कुमार सिंगला ने बताया कि प्रत्येक दवाओं की घुलनशील क्षमता अलग-अलग होती है। कुछ दवाएं तुरंत घुल जाती है तो कुछ समय अंतराल के अंतर्गत घुलती हैं।
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