बाल स्वास्थ्य की आड़ में डकार गए करोड़ो, भारी भ्रष्टाचार

नई दिल्ली: राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) में भारी भ्रष्टाचार के कलंक से जूझ रहे उत्तर प्रदेश में अब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की आड़ में करोड़ो रुपये का घोटाला उजागर हुआ है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत हुए करोड़ों रुपये के इस वाहन घोटाले में 52 जिलों से गड़बडिय़ां सामने आई। अधिकारी, कर्मचारी और डॉक्टरों के गहरे गठजोड़ के चलते खुल्लम-खुल्ला सरकारी पैसे का जमकर दुरुपयोग हुआ।
पंचायत स्तर पर बच्चों को रोगमुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के 820 ब्लाकों में दो-दो गाडिय़ां बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत लगाई गई लेकिन 52 जिलों के 500 से अधिक ब्लाकों में गाडि़य़ां ही नहीं गई जबकि फर्जी नंबर दिखाकर भुगतान निरंतर होता रहा। हालांकि स्वास्थ्य मिशन के निदेशक आलोक कुमार सख्त कार्रवाई और आरोपियों से पूरी वसूली की बात कह रहे हैं लेकिन शर्म की बात ये कि इससे पहले ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में भ्रष्टाचार के चलते मंत्री और आईएएस अधिकारी तक सलाखों के पीछे जा चुके हैं और कई मौत भी हुई। बावजूद इसके धड़ल्ले से स्वास्थ्य सुधार के नाम पर पैसा डकारा गया। इसे सरकार और प्रशासन, खासकर स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही और नाकामी ही कहेंगे कि राज्य में घोटाला करने से अधिकारी-कर्मचारी हों या डॉक्टर, जरा भी नहीं हिचकते, बेशक योजना बाल स्वास्थ्य सुधार की ही क्यों न हो।
सूत्रों की मानें तो भ्रष्टाचारियों ने एक ही वाहन कई ब्लाकों-जिलों में लगा रखे थे। कई जगह तो दुपहिया वाहन के नंबर को कार का नंबर दिखा, भुगतान चलता रहा, लेकिन कहीं कोई जांचने-परखने वाला नहीं था। देखने वाली बात ये कि राज्य की अखिलेश यादव सरकार बाल स्वास्थ्य के लिए जारी हुए सरकारी पैसे का दुरुपयोग कैसे रोकेगी और जांच कितनी निष्पक्ष होगी।
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