मेडिकल स्टोर पर छापेमारी, शटर गिरा गायब हुए दवा दुकानदार

रुद्रपुर (उत्तराखंड)। दवा दुकान की आड़ में नशीली दवाएं बेचने और फर्जी क्लीनिक चलाने का मामला सामने आया है। शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन दवा दुकानों में फर्जी तरीके से क्लीनिक चलते मिले। साथ ही एक्सपायरी डेट की दवाइयां और इंजेक्शन भी जब्त किए गए। टीम ने आरोपी पांच मेडिकल स्टोर संचालकों को नोटिस दिए हैं। रेड का पता चलने पर कई दवा दुकानदारों ने अपने स्टोर के शटर गिरा दिए।
औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी कुमाऊं हेमंत नेगी, एसीएमओ डॉ. अविनाश खन्ना और ड्रग इंस्पेक्टर मीनाक्षी बिष्ट ने पुलिस फोर्स के साथ भदईपुरा से मेडिकल स्टोरों में छापामारी शुरू की। टीम सबसे पहले जनता मेडिकल स्टोर पर पहुंची, लेकिन वहां ताला लटका मिला। इसके बाद टीम ने सिंह मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। यहां फ्रिज न होने पर कुछ महत्वपूर्ण इंजेक्शन को खुले में रखा गया था। साथ ही कुछ एक्सपायरी डेट एवं प्रतिबंधित दवाएं बिकती मिलीं। इसके अलावा मेडिकल स्टोर के पिछले हिस्से में सांई क्लीनिक भी खुला था। हालांकि मेडिकल स्टोर स्वामी का कहना था कि वर्तमान में क्लीनिक में किसी मरीज का इलाज नहीं किया जा रहा है। इसके बाद टीम ने यादव मेडिकल स्टोर में छापा मारा, जहां एक्सपायरी डेट की दवा, इंजेक्शन के साथ ही चिकित्सक द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला आला (स्टेथोस्कोप) भी बरामद हुआ।
मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि एक अस्पताल का चिकित्सक उनके यहां प्रैक्टिस करने आता है। इसके बाद टीम ने किच्छा मार्ग स्थित दीपांशु मेडिकल स्टोर में छापा मारा। मेडिकल स्टोर में कुछ नशे की दवाएं बिकती मिलीं, जिन्हें मरीजों को चिकित्सक के पर्चे के बगैर नहीं बेचा जा सकता है। इसके बाद टीम ने निकट ही एमएल सैनी मेडिकल स्टोर और केयर मेडिकल स्टोर में छापे मारे। यहां टीम को एक्सपायरी डेट की दवाओं के साथ ही क्लीनिक संचालन होता भी मिला। केयर मेडिकल स्टोर में मरीज को चढ़ाई जा रही ग्लूकोज की बोतल भी लगी हुई मिली।
औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी कुमाऊं हेमंत नेगी ने कहा कि पांचों मेडिकल स्टोरों में लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन मिला है। मेडिकल स्टोरों में अवैध रूप से झोलाछापों द्वारा क्लीनिक चलाए जा रहे हैं। पांचों को बंद करवाकर दवाइयों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि टीम ने नौ दुकानों को चिन्हित किया था, लेकिन छापे की भनक लगते ही चार मेडिकल स्टोर स्वामी दुकान बंद करके खिसक गए। छापे के दौरान जिन तीन मेडिकल स्टोरों पर क्लीनिक चलता मिला, उनके खिलाफ क्लीनिक इस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत कार्रवाई होगी। टीम ने मेडिकल स्टोरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिख दिया है।
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