अस्पताल में ‘टूटते रिश्तों’ का भी होगा इलाज 

नई दिल्ली। अब अस्पताल में ‘टूटते रिश्तों’ का भी इलाज किया जाएगा। परिवार का कोई भी रिश्ता अगर बीमार है, तो उसे यहां बेहतर किया जाएगा। दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलायड साइंसेज (इबहास) में क्राइसिस इंटरवेंशन यूनिट (सीआईयू) खोली जाएगी। इस यूनिट को पहले 3 महीने के ट्रायल प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। ट्रायल सफल रहा तो इसे आगे भी जारी रखा जाएगा। इबहास में अब तक मानसिक रोगियों का इलाज होता है। लेकिन जिनके रिश्तों में खटास आ गई है, उन्हें मनोवैज्ञानिक व सामाजिक कार्यकर्ता भावनात्मक मदद देंगे। इबहास के डायरेक्टर डॉ. निमेश ने बताया कि हमारे पास पहले से ही एक साइकैट्रिक आईसीयू है, जहां बहुत आक्रामक या हिंसात्मक प्रवृत्ति के लोगों का इलाज किया जाता है। लेकिन क्राइसिस इंटरवेंशन यूनिट का काम साइकैट्रिक यूनिट से अलग होगा। ऐसे लोग जो मानसिक रूप से बीमार नहीं हैं लेकिन उन्हें भावनात्मक रूप से मदद की जरूरत है, उनके इलाज के लिए सीआईयू मदद करेगी। सीआईयू में अभी पांच बेड ही रखे जाएंगे। यहां आने वाले मरीजों को घर जैसा वातावरण देकर उन्हें भावनात्मक मदद देने की कोशिश की जाएगी। अमूमन भावनात्मक सपोर्ट की जरूरत तभी ज्यादा होती है जब घरेलू कलह या करीबी लोगों से झगड़ों के कारण रिश्ते टूटने की कगार पर आ जाएं। इस इमोशनल क्राइसिस से मरीज को उबारने का काम सीआईयू के डॉक्टर करेंगे। सीआईयू में भर्ती हुए लोगों की मनोदशा को समझने के साथ ही उनकी काउंसलिंग भी की जाएगी, जिसमें किसी मनोचिकित्सक की बजाय मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद ली जाएगी। पति-पत्नी, गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड, पिता-पुत्र, मां-बेटा और सास-बहू जैसे नाजुक रिश्तों के इलाज को सीआईयू में प्राथमिकता दी जाएगी।
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