अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य देने पर मंथन

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रोहतक। सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को भविष्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। इस विषय पर हेल्थ यूनिवर्सिटी की ओर से इंडो-यूके सिंपोजियम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में यूके से आए डा. डान मैक्रोडी ने कहा कि इमरजेंसी सुविधाओं को विकसित कर मरीजों को अत्याधुनिक तकनीकों की सहायता से इलाज उपलब्ध कराना होगा। तभी वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आ पाएगी। इसके साथ ही, मरीजों को सस्ती दवाइयां और बेहतर इलाज उपलब्ध हो सके, इसके लिए भी प्रयास करना होगा, ताकि मरीज सरकारी सेवाओं का लाभ लें और वह भी विशेषज्ञों से इलाज पा सकें। कार्यक्रम के दौरान पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय और यूनाइटेड किंगडम के ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजन के बीच एमओयू साइन किया गया।

इस एमओयू के के बाद हेल्थ यूनिवर्सिटी के डाक्टर यूके में जाकर इलाज करने की ट्रेनिंग ले सकेंगे। यूके की सरकार ही इसका खर्च उठाएगी। हेल्थ यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. ओपी कालरा ने बताया कि अब वो दिन दूर नहीं जब पीजीआइएमएस के चिकित्सक यूके तकनीक से संस्थान में मरीजों का इलाज करेंगे। यह हर व्यक्ति का अधिकार है कि उसे अच्छी सस्ती स्वास्थ्य देखभाल मिलें। उन्होंने इस दौरान डे-केयर सर्विसिज पर भी जोर देने की बात कही ताकि मरीजों का अस्पताल में भर्ती होने का खर्चा कम हो सके। इस दौरान हेल्थ यूनिवर्सिटी की ओर से कुलसचिव डा. एचके अग्रवाल व बीएपीआईओ ट्रेनिंग अकादमी के चेयरमैन प्रो. पराग सिंगल ने एक दूसरे की चिकित्सकीय सेवाओं में अपडेट करने के लिए एमओयू साइन किया।

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