कैंसर मरीजों के लिए नई उम्मीद है टेस्टोस्टेरॉन ट्रीटमेंट

कैंसर

नई दिल्ली। जानलेवा रोग कैंसर के मरीजों में शरीर द्रव्यमान सूचकांक (बॉडी मास इंडेक्स) में कमी से निपटने में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन से इलाज प्रभावी हो सकता है और इससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार भी आ सकता है। वैज्ञानिकों ने एक शोध में इस बात का खुलासा किया है। बताया गया है कि कैंसर से जुड़ी करीब 20 फीसदी मौतें कैचेक्सिया सिंड्रोम की वजह से होती हैं जिसमें कैंसर मरीजों में अक्सर फैट और स्केलेटन की मांसपेशियों की तेज गति से क्षरण (द्गह्म्शह्यद्बशठ्ठ) होता है। वर्तमान में स्केलेटन की मांसपेशियों के नुकसान को ठीक करने के लिए कोई स्थापित थेरेपी नहीं है। इससे मरीजों की मांसपेशी काम करना बंद कर देती या कमजोर हो जाती है। अमेरिका की टेक्सास विश्वविद्यालय की चिकित्सा शाखा की मेलिंडा श्फील्ड-मूरे के अनुसार उन्हें उम्मीद है कि कैंसर के मरीज जो अपने बिस्तर से उठ पाने में सहज महसूस नहीं करते, वे कम से कम जीवन की मूल गुणवत्ता पाने में समर्थ होंगे, जिससे कि वे अपना ख्याल रख पाएंगे और इलाज प्राप्त कर सकेंगे।

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