अस्पताल के लिए सेहत मंत्री और विधायक आमने-सामने

अम्बाला। अंबाला शहर में 300 बेड के अस्पताल निर्माण के मामले में स्वास्थ्य मंत्री एवं स्थानीय विधायक दोनों मौजूदा सत्ता पक्ष की सरकार के अंग होते हुए भी सार्वजनिक तौर पर आमने-सामने हुए।

करीब 3 वर्ष पूर्व अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल ने 300 बेड के अस्पताल की मांग की जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सहर्ष स्वीकार कर इसे शीघ्र बनवाने का आश्वासन दे दिया। इसे लेकर आज तक एक ईंट भी नहीं लग पाई, जिसका मलाल मन में लिए गोयल ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पर निशाना साधा कि अंबाला छावनी में अस्पताल पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, वहीं अंबाला शहर के सिविल अस्पताल को 300 बेड की मंजूरी हुए सालों हो गए परंतु इस पर कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया गया। इससे जहाँ स्थानीय जनता में उनकी इमेज को धक्का लग रहा है, वहीं सरकार की छवि धूमिल हो रही है। असीम गोयल ने मुख्यमंत्री को इस बारे विशेष ध्यान देने का आग्रह भी किया। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पत्रकारों से इस बारे में बातचीत करते हुए कहा कि जब वे मंत्री बने, सबसे पहले अंबाला शहर की ओर से मांग आई थी कि 300 बेड का अस्पताल बनाया जाए।

इसे उन्होंने तुरंत स्वीकार कर सरकार को भेज दिया था परंतु एक नियम है कि मौजूदा 200 बेड के अस्पताल को अपग्रेड करके 300 बेड का बनाया जाता है। यह नियम विरुद्ध है कि 300 बेड का नया अस्पताल तैयार किया जाए। 200 से 300 बेड करने की मंजूरी उन्होंने उसी समय दे दी थी जिस पर वहां के विधायक कोई सार्थक, जनहित वाला कदम नहीं उठाने के मूड में लग रहे हैं, जिससे आम जनता को कोई लाभ मिल सके। वह नए अस्पताल की मांग करने लगे हैं जो नियम विरुद्ध है। उनकी यदि कोई सुझाव या मांग हो तो उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं परंतु गोयल मुख्यमंत्री को अपना मांग पत्र, स्मरण पत्र भेजते रहते हैं। कई बार कुछ कार्यभार अधिक होने के कारण ऐसी मांग वाले पत्र उन तक नहीं पहुंच पाते हैं।

वह गलत पते पर पत्राचार करने के बजाए सीधा उनसे (विज) मिलें तो शंका समाधान के साथ-साथ जनहित का काम भी हो सके। कुछ भी हो, दोनों विधायक भाजपा सरकार के अभिन्न अंग हैं जिन्हें आमने -सामने पाकर जनता चटकारे ले रही है और जनता का ही अनहित हो रहा है। ऐसे में सरकार में मौजूद एक मंत्री तथा विधायक सत्ता पक्ष के होने के बावजूद विपक्षियों का काम कर रहे हैं। हाल ही में विधायक असीम गोयल पुन: मुख्यमंत्री के पास गए तथा मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि शीघ्र ही उनकी मांग 300 बेड के अस्पताल पर कोई सार्थक कदम उठाया जाएगा। यह भविष्य के गर्भ में है कि यह आश्वासन को रंग लाएगा या राजनीति गरम होगी ।

Advertisement