देहरादून: उत्तराखंड कर विभाग (टैक्स डिपार्टमेंट) ने जानकारी दी है कि देहरादून, हरिद्वार और रूड़की में नौ फार्मास्युटिकल विनिर्माण कंपनियों और फार्मा ट्रेडिंग इकाइयों पर छापे मारे गए। छापेमारी के दौरान 6 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी बिलिंग और टैक्स चोरी का पता चला है।

कई कंपनियां फर्जी पायी गई

टैक्स डिपार्मेंट के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान कई कंपनियां ”फर्जी” पाई गईं। उन्होंने फर्जी बिल पेश किए , जिसमें दिखाया गया कि उन्हें दिल्ली, गुजरात और मध्य प्रदेश स्थित कंपनियों से फार्मा पैकिंग सामग्री मिली। विभाग ने एक बयान में कहा, यह पाया गया कि उनके पास इन सामग्रियों के परिवहन को साबित करने के लिए कोई रिकॉर्ड नहीं था। इसमें कहा गया है कि इनमें से चार कंपनियां अस्तित्व में नहीं पाई गईं और कुल मिलाकर 6.4 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला।

विभाग ने कहा कि उनके 2.43 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट को तुरंत ब्लॉक कर दिया गया और उनके बैंक खाते जब्त कर लिए गए। इसमें कहा गया है कि कुछ कंपनियों ने जांच के दौरान यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने चूक की है और जुर्माने के रूप में 30 लाख रुपये का भुगतान किया है।

टैक्स संंबंधित दस्तावेजों में माल परिवहन के कोई प्रमाण नहीं मिले

इस कार्रवाई में देहरादून, हरिद्वार और रुड़की की तीन-तीन कंपनियों के टैक्स संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की गई। जीएसटी में पंजीकृत चार कंपनियां सिर्फ कागजों में चल रही हैं। फर्जी कंपनियों के नाम से बिल बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेकर सरकार को राजस्व की चपत लगाई जा रही थी।कंपनियों ने दवाइयों की पैकेजिंग सामग्री और अन्य सामान की सप्लाई दिल्ली, गुजरात और मध्य प्रदेश की कंपनियों से दर्शाई है। दस्तावेजों में माल परिवहन के कोई प्रमाण नहीं मिले। गुजरात में जिस फर्म के नाम से माल आपूर्ति के बिल बनाए जा रहे थे। उसका कोई कारोबार नहीं मिला।