जेपी हॉस्पिटल में दवाई घोटाले का पर्दाफाश, वीडियो बनाते पत्रकार को बंधक बनाया

भोपाल (मध्य प्रदेश)। जेपी हॉस्पिटल में दवाई घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जांच में पता चला कि घोटाले के तहत खरीदी गई दवाइयां मरीजों को नहीं दी गई। इनको स्टोर रूम में एक्सपायर हो जाने के लिए छोड़ दिया गया। एक्सपायर होने पर उन्हें नष्ट किया जाने लगा,तब इसका खुलासा हुआ। दरअसल एक पत्रकार इस पूरी प्रक्रिया का वीडियो बना रहा था। उसे जिला अस्पताल वालों ने बंधक बना लिया।

युवक ने बुलाई पुलिस

अस्पताल में स्टोर के कर्मचारी जब दवाएं नष्ट कर रहे थे, तभी कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाया। ऐसे में स्टाफ भडक़ गया। वीडियो बना रहे एक युवक को स्टोर के शैतान सिंह नामक कर्मचारी ने धक्का देकर कमरे में ताला लगा दिया। बंधक बनाए गए युवक ने डायल-100 को फोन कर दिया। पुलिस ने मौके पर आकर युवक को छुड़ाया।

कई जरूरी दवाएं एक्सपायर्ड

पत्रकारों ने स्टोर रूम के अंदर जाकर देखा तो यहां कई दवाएं एक्सपायर्ड मिलीं। बड़ी संख्या में ग्लूकोज की बोतलें (डीएनएस, एसएन, डेक्सट्रोज) खाली पड़ी थीं। स्टोर रूम के अंदर से ही तमाम सिरप बहाए गए थे। कुछ टेबलेट भी डस्टबिन और पानी में फेंकी गई थीं। यहां तक कि जिंक सल्फेट की सिरप और अन्य टैबलेट भी बड़ी संख्या में एक्सपायर मिली।

ये प्रमुख जरूरी दवाएं हुई एक्सपायर

जो दवाइयां एक्सपायर हुई बताई गई हैं, उनमें जिंक सल्फेट-डिहाइड्रेशन के लिए। मेट्रोनीडाजॉल- संक्रमण रोकने के लिए, नॉर्मल सलाइन- ग्लूकोल की कमी के लिए तथा आईवी फ्लूड- उल्टी-दस्त के लिए। स्टोर इंचार्ज अंबाराम चौहान का कहना है कि 514 तरह की जरूरी दवाएं हैं। इनमें से करीब 350 दवाएं ऐसी हैं, जो रोजाना इस्तेमाल होती हैं। कुछ दवाएं ऐसी हैं जो कम इस्तेमाल की जाती हैं। यही एक्सपायर हो जाती हैं। हमारे पास जगह भी कम है।

एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी

जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि हम सभी नियमों का पालन कराते हुए इंसीनरेटर में ही दवाएं देते हैं। इस पूरे मामले की जांच करवाएंगे। जरूरत पड़ने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।