मुंबई। फार्मा कंपनी में वसेई में रेड कर नकली दवा बनाने का भंडाफोड़ किया गया है। महाराष्ट्र सरकार की फूड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये कीमत की दवाइयां जब्त की। यह इस साल की अब तक की सबसे बड़ी रेड बताई गई है। पता चला है कि कंपनी में पिछले सात सालों से नकली दवाइयां बनाई जा रही थी।
यह है मामला
एफडीए ने मुंबई में आयुर्वेद के नाम पर नकली दवा बना रही घरवार फार्मा प्राइवेट लिमिटेड पर छापेमारी की और 1 करोड़ 27 लाख रुपये की नकली दवा जब्त की है। वहीं करीब 2 करोड़ 93 लाख 255 रुपये की मशीनों को भी सीज किया है।
छापेमारी वसेई के गीता गोविंद इंडस्ट्री नावघर के शैलेश इंडस्ट्री के 20 नंबर गली में की गई। जांच में पता चला कि यह कंपनी पिछले करीब 7 सालों से नकली दवाओं का निर्माण कर रही थी। फार्मा कंपनी घरवार फार्मा प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड और रूसब फार्मा के नाम से थी।
लाइसेंस पंचकूला का, प्रोडक्शन वसेई में
जॉइंट कमिश्नर एफडीए विजिलेंस डॉ.राहुल खाडे के अनुसार एफडीए अधिकारियों ने जब रेड की तो पता चला कि कंपनी के पास हरियाणा के पंचकूला में दवा बनाने का लाइसेंस था, जबकि कंपनी पालघर में अवैध निर्माण कर रही थी।
नकली दवा बनाने वाली कंपनी के डायरेक्टर और पार्टनर धीरेन्द्र जनार्दन पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं। एफडीए के अधिकारियों ने नकली प्रोडक्ट बनाने के लिए रखे रॉ मेटीरियल को मौके से जब्त कर लिया है।
बताया गया है कि 2021 में भी रूसब फार्मा एवं घरवार फार्मा प्राईवेट लिमिटेड की सिस्टर फर्म पर आयुर्वेदिक में एलोपैथी ड्रग मिलाने को लेकर कार्रवाई की गई थी। तब कंपनी का दवा का लाइसेस भी रद्द कर दिया गया था। यह मामला कोर्ट में दर्ज है।