आगरा। मिलिट्री हॉस्पिटल में सप्लाई होने वाली दवाओं को चुराकर बाजार में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। गैंग के सदस्य दवाओं पर लगे सप्लाई लेवल, क्यूआर कोड और बैच नंबर को थिनर से साफ कर देते थे। उस पर अपने नए लेवल लगाकर बेच देते थे। एएनटीएफ और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर रैकेट के 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से 40 लाख की दवाएं और बिक्री में इस्तेमाल करने वाले उपकरण भी बरामद किए हैं।
यह है मामला
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) को सूचना मिली थी कि आगरा में बड़े पैमाने पर सेना की दवाओं की सप्लाई की जा रही है। पुलिस की सर्विलांस टीम ने सूचना के आधार पर फुव्वारा मंडी के दवा बाजार में छापा डाला। यहां से पुलिस ने बड़ी मात्रा में दवाओं का जखीरा पकड़ा। यह दवाएं सेना के अस्पतालों में इस्तेमाल की जाती हैं। इनकी कीमत लगभग 40 लाख बताई गई है।
दवाओं से नॉट फोर सेल का लेवल हटाकर बाजार में बेचते थे
पूछताछ में पता चला कि ये गिरोह दवाओं से नॉट फोर सेल का लेवल थिनर से हटा देते थे। इसके स्थान पर कोड और एमआरपी अंकित कर देते थे। फिर इन्हें दवा बाजार में सप्लाई करते थे। आरोपियों को नंदू नामक युवक इन दवाओं की सप्लाई देता था।
ये सात आरोपी पकड़े गए
पुलिस ने अभी 7 आरोपियों को हिरासत में लिया है। इनमें महेंद्र उदवानी निवासी ग्वालियर मध्य प्रदेश, फरहान बेग नई बस्ती आगरा, नीरज राजौरा बुढ़ान सैय्यद आगरा, अजय गोयल सीताराम कालोनी बल्केश्वर आगरा, संस्कार गुप्ता बारह भाई गली बेलनगंज आगरा, प्रवेश राजपूत ताजगंज आगरा और राजेश भाटिया उर्फ राजू नॉर्थ ईदगाह आगरा के नाम शामिल हैं। सभी आरोपियों पर गैंगस्टर के तहत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।
डीसीपी सिटी ने बताया कि अवैध रुप से अर्जित की गई संपत्ति को कुर्क किया जाएगा। इस रैकैट में कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं, जिनके खिलाफ साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।