मेदांता अस्पताल पर फर्जी बीमारी बताकर पैसे लूटने का आरोप

लखनऊ। मेदांता अस्पताल के खिलाफ फर्जी बीमारी बताकर पैसे लूटने का आरोप का मामला प्रकाश में आया है। लखनऊ के मोहन स्वरूप ने मुख्यमंत्री से आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की है और लिखा कि वह चक्कर आने के कारण घर पर गिर गये और पसीने से लथपथ हो गये। उन्हें मेदंता हॉस्पिटल में भर्ती कराया। अस्पताल में डॉ. महिम सरन (कार्डियोलॉजी) और डॉ. अवनीश (कार्डियोलॉजी) ने उनकी कई जांच करवाई।

जांच के बाद आठ लाख रुपये की डिमांड

जांच के बाद उनसे आठ लाख रुपये की डिमांड की गई और कहा गया कि उन्हें छल्ला पड़ेगा। यह कहकर भी डराया गया कि अगर तीस मिनट के अन्दर पैसे की व्यवस्था नहीं हुई तो उनकी मौत भी हो सकती है। उनके पास इतने रूपये की व्यवस्था नहीं थी और मात्र दो लाख रूपये नकद थे।

फिर थोड़ी देर बाद उनके दोस्त मनोज आये और उन्होंने कहा कि मुझे हार्ट की कोई परेशानी नहीं है। मुझे पेट में गैस की परेशानी है। उन्होंने मुझे अपने साथ दूसरे हॉस्पिटल ले चलने की बात कही और मेदांता से डिस्चार्ज कराने को कहा।

आरोप है कि डिस्चार्ज की बात आने पर मेदांता के दोनों डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ बदतमीजी और झगड़े पर उतारू हो गये। फिर किसी तरह डिस्चार्ज करा पाए। रात में ही उन्हें दूसरे हास्पिटल में ले जाया गया और मात्र 125 रु की दवा लेकर और तीन इंजेक्शन देने के बाद उनको राहत मिल गयी। उन्होंने इस मामले मेदांता अस्पताल पर कठोर कार्रवाई करने और उनके 24 हजार रूपये वापस कराने की मांग की है।

मेदांता ने आरोप को नकारा

इस मामले में मेदांता अस्पताल ने कहा कि इस मरीज की जांच की गयी। जांच में Acute Heart Attack निकला। इसके साथ ही First Aid Treatment देकर Angiography की.  Right Coronary Artery में 100% blockage निकला. इसके साथ ही Left Coronary Artery की एक branch में 70% blockage निकला। ऐसे में मरीजों में 100 को खोलना जरूरी होता है, जिसके बारे में मरीज को बताया गया। लेकिन मरीज ने आगे इलाज कराने से मना कर दिया और मरीज को करा कर ले गये।

उन्होंने कहा कि ऐस मामलों में दवाओं से प्रारंभिक दर्द में आराम तो होता है परंतु नहीं खुल सकती है। आने वाले समय में फिर से की संभावना बढ़ जाती है, जिससे मरीज की आकस्मिक मृत्यु भी हो सकती है। मरीज का यह आरोप कि उनका वॉल्व खराब बताया गया, बिल्कुल गलत एवं निराधार है।