देश से फार्मास्युटिकल उत्पादों के निर्यात में अगस्त महीने के दौरान पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 4.53 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। चालू वित्त वर्ष के पांच महीनों में 4.18 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त, 2023 के दौरान निर्यात 2.24 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले साल इसी महीने में निर्यात 2.14 अरब डॉलर था। बीते जुलाई महीने में 2.12 अरब डॉलर के निर्यात की तुलना में वृद्धि लगभग 5.66 प्रतिशत है। अप्रैल से अगस्त, 2023 तक पांच महीनों के लिए निर्यात 10.96 बिलियन डॉलर था, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान निर्यात 10.52 बिलियन डॉलर था।

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अगस्त महीने के दौरान आयात में 20.08 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान दर्ज 635 मिलियन डॉलर की तुलना में 763 मिलियन डॉलर है। अप्रैल से अगस्त, 2023 तक संचयी आयात पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि के 3.46 बिलियन डॉलर की तुलना में मामूली गिरावट के साथ 3.45 बिलियन डॉलर हो गया।

इस साल जून में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि भारत का दवा और फार्मास्युटिकल उत्पादों का निर्यात रुपये से 125 प्रतिशत बढ़ गया है। भारत से कुल निर्यात में दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात 5.71 प्रतिशत है। भारत लगभग 200 देशों/क्षेत्रों में मात्रा में निर्यात करके दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन में दुनिया भर में तीसरे स्थान पर है, जिसमें शीर्ष 5 गंतव्य संयुक्त राज्य अमेरिका, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और ब्राजील हैं।

वैश्विक वैक्सीन उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक बनाता है। भारत दुनिया में कम लागत वाले टीकों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है और वैश्विक स्तर पर जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा प्रदाता है, जो मात्रा के हिसाब से वैश्विक आपूर्ति में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है।