नई दिल्ली। हजारों रुपए में होने वाली हीमोफीलिया की जांच अब मात्र 50 रुपए में हो सकेगी। हीमोफीलिया-ए और खून से जुड़ी दूसरी बीमारियों का पता लगाने के लिए दुनिया की सबसे सस्ती और पहली बार रैपिड डायग्नोस्टिक किट तैयार की गई है। भारत की इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने यह किट तैयार कर इसका पेटेंट भी हासिल कर लिया है। स्पेशल पेपर से बनी इस किट के इस्तेमाल के लिए न तो इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है और न ही किसी स्पेशलिस्ट की। देश के किसी भी प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर में हीमोफीलिया की जांच संभव होगी। खून की बूंद पेपर पर डालने के बाद 10 मिनट में रिजल्ट मिल जाएगा। गौरतलब है कि हीमोफीलिया एक ऐसी बीमारी है, जिसमें खून का थक्का नहीं बनता है। आमतौर पर शरीर के किसी हिस्से में कटने पर कुछ देर में ब्लड का थक्का बन जाता है, जिससे ब्लीडिंग रुक जाती है। हीमोफीलिया पीडि़त लोगों में ब्लीडिंग नहीं रुकती है। इसलिए इस बीमारी का पता चलना जरूरी है। कई बार लोगों को पता ही नहीं होता है और वे इसका शिकार हो जाते हैं।