नई दिल्ली। अब युवा हेरोइन, कोकीन और चरस-अफीम के बजाय नई तरह की ड्रग्स की लत के शिकार हो रहे हैं। इसके चलते फार्मास्युटिकल ड्रग्स की डिमांड बढ़ती जा रही है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को हाल ही में एक ऐसे सिंडिकेट का पता चला जो दिल्ली से सटे गुरुग्राम से एक फार्मा कंपनी के नाम से देश और विदेश में प्रतिबंधित दवाइयों की खेप भेज रहा था। ब्यूरो के अनुसार प्रतिबंधित दवाइयों की खरीद-फरोख्त का मास्टरमाइंड अमित शर्मा है, जो मूल रूप से फरीदाबाद का निवासी है। वह पहले एक फार्मा कंपनी में जॉब करता था। यहीं से उसके दिमाग में यह आइडिया आया कि अब प्रतिबंधित दवाइयों की खेप विदेशों में गैर कानूनी तरीके से भेजकर जल्द रईस बनना है।
 नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जब अमित के गुरुग्राम दफ्तर पर छापा मारा तो अलग-अलग तरीके की करीब 22410 प्रतिबंधित दवाइयों की खेप बरामद की गई। मौके से अमित को गिरफ्तार भी किया गया। अमित ने एसीबी की पूछताछ में खुलासा किया कि प्रतिबंधित दवाइयों के धन्धे से उसे हर साल करीब 10 करोड़ का मुनाफा होता था। बता दें कि इन प्रतिबंधित दवाओं की गिरफ्त में जहां पंजाब और नार्थ ईस्ट का काफी हिस्सा आ चुका है, वहीं विदेशी युवाओं में भी इन प्रतिबंधित दवाओं की काफी डिमांड है। इन दवाओं में अधिकतर पैन किलर और नशीली दवाइयां हैं। एनसीबी के अफसरों के मुताबिक पंजाब, नार्थ ईस्ट, बांग्लादेश और कई दूसरे देशों में अब इन प्रतिबंधित दवाइयों की भारी डिमांड बढ़ रही है। अधिकतर युवा इस नई ड्रग्स की गिरफ्त में आ रहे हैं।